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Maharashtra: एनसीपी के 'चिंतन शिविर' में अजित पवार ने बताया- क्यों छोड़ा शरद पवार का साथ?

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नागपुर। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ अजित पवार ने शुक्रवार (19 सितंबर) को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सहयोगियों के बीच आपसी सम्मान और राज्य की प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता के कारण उनकी पार्टी अब भी महायुति गठबंधन का हिस्सा है।
नागपुर में ‘राष्ट्रवादी चिंतन शिविर’ के उद्घाटन सत्र में पदाधिकारियों और पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में स्थिरता और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अपने चाचा शरद पवार द्वारा गठित पार्टी से अलग होने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि ‘चिंतन शिविर’ न केवल आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने पर केंद्रित होगा, बल्कि भावी पीढ़ी पर भी केंद्रित होगा।

मुझसे लोग पूछते हैं, क्यों छोड़ा शरद पवार का साथ?
अजित पवार ने आगे कहा कि एनसीपी, बीजेपी और शिवसेना के साथ गठबंधन में है। इस पर कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने यह कदम क्यों उठाया और पारिवारिक और व्यक्तिगत रिश्तों में तनाव क्यों स्वीकार किया? मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने ऐसा सत्ता या पद के लिए नहीं, बल्कि महाराष्ट्र को स्थिरता प्रदान करने और उसकी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए किया।
उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि आपसी सम्मान और राज्य की प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण पार्टी अभी भी महायुति गठबंधन का हिस्सा है। मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिनके नेतृत्व में देश को स्थिरता मिली है और उन्होंने हमेशा महाराष्ट्र के लिए बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने महाराष्ट्र के विकास के लिए मेरी मांगों को हमेशा स्वीकार किया है। अजित पवार ने कहा कि एनसीपी को अपना ‘जनसंवाद’ जारी रखना चाहिए और लोगों के सवाल और शिकायतें सुननी चाहिए तथा काम में देरी नहीं करनी चाहिए।
गौरतलब है कि अजित पवार ने जुलाई 2023 में चाचा शरद पवार का साथ छोड़ दिया था और तत्कालीन एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल होकर उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

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