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भारतीय सीमा क्षेत्र के गांव में पाकिस्तान से पानी का आना, किसानों में मचा हड़कंप

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भारतीय सीमा क्षेत्र के गांव 14 एस माझीवाला में सोमवार को अचानक पाकिस्तान से पानी का बहाव आने से इलाके के किसानों में हड़कंप मच गया। स्थानीय किसानों ने बताया कि यह घटना सुबह के समय हुई, जब उन्होंने अपने खेतों में पानी भरता हुआ देखा। पानी का अचानक बहाव देखकर किसान भयभीत हो गए और उन्होंने इसकी सूचना तुरंत बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को दी।

स्थानीय किसानों के अनुसार, पानी का स्रोत पाकिस्तान की तरफ स्थित सादकी नहर हो सकता है। किसानों ने नहर के टूटने या पानी के रिसाव की आशंका जताई। इसके बाद उन्होंने अपने खेतों में अतिरिक्त सुरक्षा और बचाव के इंतजाम किए। कुछ किसानों ने कहा कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए जाते, तो उनके फसल और कृषि योग्य जमीन को भारी नुकसान हो सकता था।

सूचना मिलते ही बीएसएफ की टीम और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचे। उन्होंने पानी के बहाव को रोकने और गांव की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत उपाय शुरू किए। अधिकारीयों ने बताया कि पानी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए और दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई।

बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, स्थिति को देखते हुए नहर और सीमावर्ती इलाके की निगरानी और बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने किसानों से भी कहा कि वे सतर्क रहें और किसी भी असामान्य घटना की तुरंत रिपोर्ट करें। स्थानीय प्रशासन ने भी घोषणा की कि सीमावर्ती गांवों के किसानों को आने वाले समय में किसी भी आपात स्थिति से बचाने के लिए आवश्यक संसाधनों का इंतजाम किया जाएगा।

इस घटना ने सीमा क्षेत्र के किसानों और स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की नहरों में अचानक पानी की मात्रा बढ़ने की घटनाएं कभी-कभी होती रहती हैं, लेकिन इस तरह का अचानक बहाव इलाके के लिए खतरा पैदा कर सकता है। उन्होंने किसानों को सुझाव दिया कि वे अपने खेतों और जल संचयन संरचनाओं की नियमित निगरानी करें।

स्थानीय निवासी रामकिशन यादव ने कहा, “हमारे खेतों में अचानक पानी भर गया। हमें समझ नहीं आया कि यह कैसे हुआ। सौभाग्य से समय रहते प्रशासन और बीएसएफ ने कार्रवाई की, नहीं तो हमारी फसल को काफी नुकसान हो सकता था।” वहीं, महिला किसान सुशीला देवी ने बताया कि वे हमेशा अपनी फसल और पानी की स्थिति पर नजर रखते हैं, लेकिन इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई थी।

इस घटना के बाद प्रशासन ने सीमा क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया है। बीएसएफ और स्थानीय अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि पानी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन तैयार हैं। साथ ही, उन्होंने स्थानीय किसानों को आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण और जानकारी देने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह दर्शाया कि सीमा क्षेत्र में कृषि और सुरक्षा दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। किसान केवल फसल के लिए चिंतित नहीं होते, बल्कि अचानक प्राकृतिक या मानव निर्मित घटनाओं से होने वाले नुकसान से भी सतर्क रहना पड़ता है। स्थानीय प्रशासन और बीएसएफ की सक्रियता ने इस स्थिति को काबू में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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