4 मई 2025 को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बागीदौरा से भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इसके साथ ही राज्य की उभरती राजनीतिक ताकत बीएपी और सत्ताधारी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। वहीं पार्टी ने अपने ही विधायक की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
पार्टी ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया
दरअसल, बीएपी ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय कार्यालय को सौंपेगी। इस कमेटी में कांतिलाल रोत (राष्ट्रीय सदस्य, बीएपी), डॉ. जितेंद्र मीना (राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीएपी), रमेश चंद मेडा (प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान), उमेश कुमार डामोर (विधायक, आसपुर) और धवरचंद डामोर (विधायक, धारियावाड़) सदस्य शामिल हैं।
जमीन में गड़े मिले पूरे 20 लाख रुपए
जानकारी के अनुसार, जयपुर में ज्योतिनगर स्थित आवास पर एसीबी की टीम ने ट्रैप कार्रवाई की। इस दौरान एक व्यक्ति रिश्वत की रकम लेकर फरार हो गया। मोबाइल सर्विलांस की मदद से विधायक के रिश्तेदार जसवंत को पकड़ा गया, जिसने पूछताछ में बताया कि उसने विधायक के भतीजे रोहित से रकम लेकर जगराम नाम के व्यक्ति को सौंपी थी। इसके बाद जगराम और जसवंत ने मिलकर रकम जयपुर के इंदिरा गांधी नगर में जगराम के घर के पास जमीन में गड़ा दी। 5 मई को एसीबी की टीम ने वहां छापा मारकर पूरे 20 लाख रुपए बरामद कर लिए।
विधायक बोले- मैंने रिश्वत नहीं ली
सोमवार को विधायक जयकृष्ण पटेल और उनके चचेरे भाई को विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। एसीबी के अनुसार, उनके पास विधायक की बातचीत की रिकॉर्डिंग, ट्रैप वीडियो फुटेज और अन्य डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं। विधायक ने खुद को निर्दोष बताया और कोर्ट से बाहर आते हुए कहा कि यह मेरे खिलाफ रची गई राजनीतिक साजिश है। मैंने कोई रिश्वत नहीं ली।
बीएपी का दावा- एसीबी की भूमिका संदिग्ध
भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने पूरे मामले को सत्ताधारी पार्टी की राजनीतिक साजिश बताया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में बीएपी के बढ़ते जनाधार से घबराकर सत्ताधारी पार्टी ने साजिश रची है। एसीबी की कार्रवाई पूरी तरह से संदिग्ध है।
सीसीटीवी सर्विलांस फुटेज जब्त
बताया जा रहा है कि एसीबी ने विधायक क्वार्टर के सीसीटीवी सर्विलांस फुटेज जब्त कर लिए हैं और एफएसएल जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, ताकि पता लगाया जा सके कि ट्रैप के दौरान कोई फुटेज डिलीट तो नहीं की गई। विधायक को 7 मई को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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