अजमेर जिले में दो मासूम भाइयों की संदूक में दम घुटने से मौत हो गई। खेलते समय दोनों भाई लोहे के बक्से में बंद हो गए, जिससे उनकी मौत हो गई। इस दौरान मां मजदूरी करने चली गई। पति की मौत के बाद अकेले ही अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही महिला पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन और पड़ोसी मौके पर पहुंचे और दोनों बच्चों को अस्पताल ले गए। यह घटना पिसांगून की है, जहां दो भाई घर पर खेल रहे थे। खेलते समय उसने स्वयं को एक लोहे के बक्से में बंद कर लिया। इसके बाद वह बॉक्स से नहीं खेल पाया और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इस हृदय विदारक दुर्घटना में दोनों बच्चों की जान चली गई।
मां की चीख-पुकार सुनकर बहनोई और पड़ोसी घटनास्थल पर पहुंचे।
घटना के समय उसकी मां लाडली खातून काम पर बाहर गई हुई थी। मृतक बच्चे साबिर (6) और समीर (4) घर के अंदर खेलते समय एक ट्रंक में बंद हो गए थे। जब मां वापस लौटी तो दोनों घर पर नहीं मिलीं, जिसके बाद उसने उन्हें ढूंढने की कोशिश की और जब उसने ट्रंक खोला तो दोनों बेहोश मिलीं। मां की चीख-पुकार सुनकर जीजा लक्ष्मण चीता व पड़ोसी घटनास्थल पर पहुंचे।
उसके पति की मृत्यु तीन वर्ष पहले हो गई थी।
घटना के बाद बच्चों को तुरंत पिसांगोन अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह लामरोड़ ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही एसएचओ प्रहलाद सहाय अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। बच्चों के पिता नाथूलाल की भी 3 साल पहले सांप के काटने से मौत हो गई थी और अब इस दुखद हादसे के बाद महिला अपनी इकलौती बेटी पर निर्भर है। इस दुखद दुर्घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
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