बनास नदी में बिना अनुमति पाइप डालकर अस्थायी रास्ता बनाने और बहते पानी में बजरी खनन के मामले में खनिज विभाग ने आकोला के लीजधारक महादेव एंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने लीजधारक से पूछा है कि बहते पानी के दौरान बजरी का दोहन, पिलर न लगाना और नदी में 14 पाइप डालकर अस्थायी रास्ता बनाने जैसी गतिविधियां किस अनुमति के तहत की गईं।
खनिज विभाग ने शुक्रवार शाम को इस मामले की संयुक्त जांच रिपोर्ट कलक्टर को सौंप दी। रिपोर्ट में नदी में हो रही अवैध गतिविधियों और पर्यावरणीय जोखिमों का विवरण दिया गया। इसके बाद कलक्टर ने अधिकारियों को कानून की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि किसी भी नियम विरुद्ध कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस मामले में तेजी से प्रशासनिक कार्रवाई की पृष्ठभूमि में राजस्थान पत्रिका द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट रही। अखबार ने शुक्रवार के अंक में “बजरी निकालने के लिए बनाई अस्थाई पुलिया” शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। समाचार में नदी में अवैध रास्ता बनाने और बजरी खनन के पर्यावरणीय प्रभाव को उजागर किया गया। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत जांच और नोटिस प्रक्रिया शुरू कर दी।
अधिकारी सूत्रों ने बताया कि लीजधारक की गतिविधियों से नदी के प्रवाह और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर असर पड़ सकता है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी खनन या निर्माण कार्य के लिए संबंधित अनुमति और पर्यावरणीय मंजूरी अनिवार्य है। लीजधारक को नोटिस के तहत कानूनी जवाब देने और अपने कार्यों को सही ठहराने का अवसर दिया गया है।
खनिज विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अवैध खनन और अस्थायी संरचनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए नदी और खनन क्षेत्रों की नियमित निगरानी भी तेज की जाएगी। साथ ही, लीजधारकों को नियमों के पालन के लिए सख्त चेतावनी दी गई है।
स्थानीय पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियां न केवल नदी के प्राकृतिक प्रवाह में रुकावट डालती हैं, बल्कि जलीय जीवन और आसपास के कृषि क्षेत्र को भी प्रभावित करती हैं। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई को सराहा और कहा कि मीडिया की सक्रिय भूमिका और सरकारी त्वरित प्रतिक्रिया से ऐसे अवैध और पर्यावरणीय रूप से हानिकारक कार्यों को नियंत्रित किया जा सकता है।
इस कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि राजस्थान में खनिज कानून और पर्यावरण सुरक्षा नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लीजधारक महादेव एंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस का जवाब देने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
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