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नौतपा की भीषण गर्मी में साधुओं की अनोखी 'अग्नितपस्य'! 41 दिन तक जले हुए कंडों के बीच साधु करेंगे वर्षा की कामन

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वैसे तो आपने कई तरह के साधु-संतों और उनकी तपस्या देखी होगी, लेकिन राजस्थान में भीषण गर्मी में अग्नि तपस्या कर रहे साधुओं की साधना आपको हैरान कर देगी। हरियाणा के एक साधु प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू की तलहटी में स्थित टोकरा गांव में अग्नि तपस्या कर रहे हैं। हरियाणा के हिसार में देमन गांव के पास कालीगर मठ के बालयोगी ज्योत नाथ महाराज नौतपा की भीषण गर्मी में अग्नि तपस्या कर रहे हैं, जिसे पंचधुनी तपस्या कहते हैं।

 बाल योगी ज्योत नाथ पिछले 20 सालों से पंचधुनी तपस्या और जलधारा तपस्या कर रहे हैं। माउंट आबू को देवभूमि कहा जाता है। पांडवों ने भी अज्ञातवास के दौरान यहीं निवास किया था। इसके अलावा माउंट आबू से कई अन्य ऐतिहासिक तथ्य भी जुड़े हैं। आज भी आबू के घने जंगलों में सैकड़ों साधु-संतों की तपस्या जारी है। वहीं टोकरा गांव के हनुमानजी मंदिर में इन दिनों भीषण गर्मी में क्षेत्र में शांति और अच्छी बारिश की कामना के साथ बाल योगी ज्योत नाथ महाराज की अग्नि तपस्या देखने को मिल रही है।

पांच धूणियों में की जा रही है तपस्या
अग्नि तपस्या कर रहे बाल योगी ज्योत नाथ महाराज के भक्त और समाजसेवी देवेंद्र सिंह टोकरा ने बताया कि महाराज ने 2 मई को यहां अग्नि तपस्या शुरू की थी। इसका समापन 10 जून को होगा।

प्रतिदिन 5 धूणियों का प्रयोग किया जाता है, जिसमें पहले दिन उन्होंने दो लकड़ियों से शुरुआत की और प्रतिदिन प्रत्येक धूनी में दो लकड़ियां डाली जाती हैं। अग्नि तपस्या के 26वें दिन सोमवार को प्रत्येक धूनी में 54 लकड़ियां जलाई जा रही हैं। अग्नि तपस्या के अंतिम दिन 10 जून को प्रत्येक धूनी में 82 लकड़ियां जलाई जाएंगी।

आपको बता दें कि बालयोगी महाराज लकड़ियों में अग्नि के बीच बैठकर दोपहर 12.30 बजे से 2.30 बजे तक तपस्या करते हैं। इसके बाद मौन धारण कर लेते हैं। मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने बताया कि यह हठ योग साधुओं द्वारा अपने लिए नहीं बल्कि समाज के लिए किया जाता है। ताकि क्षेत्र में बेहतर बारिश हो और लोग खुशहाल रहें। क्षेत्र में खुशहाली आए।

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