उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इक़रा हसन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इस वीडियो में इक़रा हसन भावुक होती दिख रही हैं.
इक़रा हसन ने कहा, "मेरा सवाल माननीय पूर्व सांसद से है, क्या वो अपने समर्थकों का खंडन करेंगे जिनसे वो मुझे गालियां दिलवा रहे हैं. क्या उनके घर में बहन-बेटी नहीं है."
इक़रा हसन उस वीडियो में कहती दिख रही हैं उन्हें गालियां दी जा रही हैं. उन्हें 'आतंकवादी' कहा जा रहा है. उनके पिता तक को गाली दी जा रही है.
इक़रा हसन ने वायरल वीडियो में किसी का नाम नहीं लिया है. बस इतना कहा है कि पूर्व सांसद 'गालियां दिलवा रहे हैं.'
कैराना से पूर्व सांसद बीजेपी नेता प्रदीप चौधरी हैं. चौधरी 2019 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इस सीट से चुनकर संसद पहुँचे थे.
इक़रा के आरोपों के बाद प्रदीप चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा, "हमारा राजनीति का लंबा इतिहास रहा है. किसी के भी सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली बात हमने कभी नहीं की है."
इक़रा हसन ने और क्या कहा?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इक़रा हसन के इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 16 अक्तूबर को शेयर किया.
हालांकिमीडिया रिपोर्ट्समें दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो 12 अक्तूबर का है जब इक़रा हसन सहारनपुर के छापुर गांव में एक पंचायत में हिस्सा लेने पहुंची.
पवन खेड़ा ने लिखा, "एक शिक्षित, स्वतंत्र महिला- ख़ासकर एक मुस्लिम महिला- दक्षिणपंथी गुंडों को सबसे ज़्यादा परेशान करती है. चाहे उसका काम कितना भी सही हो. वे उसे बदनाम करते हैं."
उन्होंने लिखा, "उनका असुरक्षित मन ऐसी राजनीति को समझ ही नहीं पाता जो नफ़रत या धार्मिक ध्रुवीकरण से प्रेरित ना हो."
वहीं वीडियो में इक़रा हसन ने आरोप लगाया है कि उनके साथ यह कोई पहली घटना नहीं है.
इक़रा हसन ने कहा, "जो लोग सवाल करते हैं कि मेवात वालों को माफ़ कर दिया तो उन्हें क्यों नहीं माफ़ किया. तो मैं उन्हें बता देना चाहती हूं कि ये कोई पहली घटना नहीं है."
बीजेपी के पूर्व सांसद क्या बोले?
वीडियो के वायरल होने के बाद पूर्व ने कहा, "तीन बार मैं विधायक रहा हूं. तीन बार मेरे पिता विधायक रहे हैं. एक बार मैं सांसद रहा हूं. हम दोनों ने मिलकर करीब 12 चुनाव लड़े हैं."
"मेरे ऊपर ये आरोप लगाने की कोशिश हो रही है कि मेरे समर्थक इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. मैंने कभी भी इस तरह की भाषा का प्रयोग करने वाले व्यक्ति का सहयोग नहीं किया है."
उन्होंने कहा, "इतना ही कहना चाहता हूं कि जिस तरह से मेरे बारे में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया गया कि पूर्व सांसद के घर में भी मां-बहन होंगी. मेरे घर में भी मां-बहन हैं."
चौधरी ने कहा "राजनीतिक जीवन है. मुझे भी लोगों ने गालियां दी हैं. मेरे परिवार को भी गालियां दी हैं. लेकिन हम लोगों ने कभी हताशा का परिचय नहीं दिया. हमने कभी निराशा नहीं दिखाई. सार्वजनिक जीवन में इस तरह की बातें चलती रही हैं. लेकिन भावनात्मक रूप से ऐसी बातें करके ये सस्ती लोकप्रियता हासिल की जा रही है."
उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा, "हम इस तरह की भाषा का समर्थन नहीं करते हैं. इक़रा हमारी छोटी बहन है. उनके सम्मान में जिसने भी इस तरह की बात की है, उन पर कानूनी रूप से सरकार को, पुलिस को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए. सिर्फ इक़रा ही नहीं किसी भी बहन-बेटी के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए."
"ये धार्मिक रूप से जिस तरह के शब्द कहे गए हैं, वो चिंताजनक हैं."
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18वीं लोकसभा में कैराना से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनी गईं इक़रा हसन सबसे युवा सांसदों में से एक हैं.
उन्होंने लंदन के मशहूर स्कूल ऑफ़ ओरिएंटल एंड अफ़्रीकन स्टडीज़ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति और क़ानून की डिग्री ली है.
इससे पहले उन्होंने दिल्ली के मशहूर लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ाई की थी. अपने भाषणों और लोकसभा में सक्रिय भूमिका से उन्होंने राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा है.
इक़रा एक राजनीतिक परिवार से आती हैं. उनके दादा चौधरी अख़्तर हसन 1984 में अपना पहला चुनाव लड़ रही मायावती को हराकर कांग्रेस के टिकट पर कैराना से ही जीते थे.
उनके पिता मुनव्वर हसन 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर लोकसभा में पहुंचे थे. बाद में वो बहुजन समाज पार्टी में चले गए थे.
उनकी माँ तबस्सुम हसन भी कैराना से सांसद रह चुकी हैं. इक़रा हसन के भाई नाहिद हसन समाजवादी पार्टी के विधायक हैं.
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