दिवाली के त्योहार से पहले iPhone 17 सीरीज की भारी डिमांड रहती है लेकिन देशभर के रिटेलर्स इस समय जबरदस्त सप्लाई क्राइसीस का सामना कर रहे हैं। कई शहरों के ऑफलाइन स्टोर्स पर iPhone 17 और Pro models का stock भी पूरी तरह खत्म हो चुका है। इससे सिर्फ रिटेलर्स को ही नहीं बड़ा बिज़नेस लॉस हो रहा है, बल्कि कस्टमर्स भी बहुत ज्यादा परेशान हो रहें हैं। रिटेल चेन मैनेजर्स और लोकल सेलर्स Apple की डिस्ट्रिब्यूशन स्ट्रेटेजी पर अब सवाल उठा रहे हैं क्योंकि कंपनी ओन्ड स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को ज्यादा प्रायोरिटी दी जा रही है। एक्सपर्ट्स का मनाना है कि Apple को ट्रांसपेरेंट और बैलेन्स्ड डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल अपनाना चाहिए।
ग्राहक हो रहे निराश
देशभर के बड़े ऑफलाइन रिटेलर्स जैसे क्रोमा, विजय सेल्स, और दिल्ली के नेहरू प्लेस जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स हब्स में iPhone 17 Pro सीरीज का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है। एक रिटेल मैनेजर्स ने बताया कि हमारे पास कोई इन्वेंटरी नहीं है और ना कंपनी की तरफ से कोई क्लियर अपडेट आया है कि आखिर नया स्टॉक कब आएगा। रिटेलर्स का कहना है कि वो रोज़ाना 10 से 12 ग्राहकों को मना कर रहे हैं जिससे फेस्टिव सीजन में उनका बड़ा नुकसान हो रहा है।
किसको मिल रही है इम्पोर्टेंसकई दुकानदारों का आरोप है कि Apple ने इस बार थर्ड-पार्टी ऑफलाइन स्टोर्स को कम इम्पोर्टेंस दी है और ज़्यादा स्टॉक अपने कंपनी-ओन्ड स्टोर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे कि Amazon, Flipkart को दे दिया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सिर्फ हाई-एंड वेरिएंट्स जैसे iPhone 17 Pro और Pro Max बिक रहे हैं, जिनकी शुरुआती कीमत 1,54,900 रुपये है। रिटेलर्स इसे एक मिस्ड ऑपर्चुनिटी मान रहे हैं, जिससे उनका कस्टमर बेस और रेवेन्यू दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
सप्लाई की असली वजह
Apple के ज्यादातर iPhone 17 Pro यूनिट्स शुरुआत में इंपोर्ट किए गए है जिससे भारत में उपलब्धता काफी कम हो रही हैं। हालांकि, जल्द ही मेड इन इंडिया iPhone 17 Pro की सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है जिसे Foxconn, Pegatron Tata के अधीन जैसे मैन्युफैक्चरर्स बना रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी भारत में बने कई यूनिट्स विदेशों में एक्सपर्ट्स किए जा रहे हैं, जिससे लोकल मार्केट डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है।
एनालिस्ट्स की रायइंडस्ट्री एक्सपर्ट्स जैसे नील शाह जो कि काउंटरपॉइंट रिसर्चर है और प्रभु राम साइबरमीडिया रिसर्चर ने माना है कि सप्लाई की कमी ही असली और गंभीर है। उनका कहना है कि Apple को अपने पार्टनर्स के साथ बेहतर कोऑर्डिनेशन करना चाहिए और डिस्ट्रिब्यूशन को ज्यादा ईमानदारबनाना चाहिए। बिना ट्रांसपेरेंसी के ऑफलाइन चैनल फ्रिक्शन और बढ़ सकता है, खासकर लॉन्च और फेस्टिव सीजन में एक एक्सपर्ट ने कहा। Apple को हिस्टोरिकल मांग और चैनल कैपेबिलिटी के आधार पर इन्वेंटरी अलोकेशन करना चाहिए।
ग्राहक हो रहे निराश
देशभर के बड़े ऑफलाइन रिटेलर्स जैसे क्रोमा, विजय सेल्स, और दिल्ली के नेहरू प्लेस जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स हब्स में iPhone 17 Pro सीरीज का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है। एक रिटेल मैनेजर्स ने बताया कि हमारे पास कोई इन्वेंटरी नहीं है और ना कंपनी की तरफ से कोई क्लियर अपडेट आया है कि आखिर नया स्टॉक कब आएगा। रिटेलर्स का कहना है कि वो रोज़ाना 10 से 12 ग्राहकों को मना कर रहे हैं जिससे फेस्टिव सीजन में उनका बड़ा नुकसान हो रहा है।
किसको मिल रही है इम्पोर्टेंसकई दुकानदारों का आरोप है कि Apple ने इस बार थर्ड-पार्टी ऑफलाइन स्टोर्स को कम इम्पोर्टेंस दी है और ज़्यादा स्टॉक अपने कंपनी-ओन्ड स्टोर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे कि Amazon, Flipkart को दे दिया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सिर्फ हाई-एंड वेरिएंट्स जैसे iPhone 17 Pro और Pro Max बिक रहे हैं, जिनकी शुरुआती कीमत 1,54,900 रुपये है। रिटेलर्स इसे एक मिस्ड ऑपर्चुनिटी मान रहे हैं, जिससे उनका कस्टमर बेस और रेवेन्यू दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
सप्लाई की असली वजह
Apple के ज्यादातर iPhone 17 Pro यूनिट्स शुरुआत में इंपोर्ट किए गए है जिससे भारत में उपलब्धता काफी कम हो रही हैं। हालांकि, जल्द ही मेड इन इंडिया iPhone 17 Pro की सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है जिसे Foxconn, Pegatron Tata के अधीन जैसे मैन्युफैक्चरर्स बना रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी भारत में बने कई यूनिट्स विदेशों में एक्सपर्ट्स किए जा रहे हैं, जिससे लोकल मार्केट डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है।
एनालिस्ट्स की रायइंडस्ट्री एक्सपर्ट्स जैसे नील शाह जो कि काउंटरपॉइंट रिसर्चर है और प्रभु राम साइबरमीडिया रिसर्चर ने माना है कि सप्लाई की कमी ही असली और गंभीर है। उनका कहना है कि Apple को अपने पार्टनर्स के साथ बेहतर कोऑर्डिनेशन करना चाहिए और डिस्ट्रिब्यूशन को ज्यादा ईमानदारबनाना चाहिए। बिना ट्रांसपेरेंसी के ऑफलाइन चैनल फ्रिक्शन और बढ़ सकता है, खासकर लॉन्च और फेस्टिव सीजन में एक एक्सपर्ट ने कहा। Apple को हिस्टोरिकल मांग और चैनल कैपेबिलिटी के आधार पर इन्वेंटरी अलोकेशन करना चाहिए।
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