ओरेकल के सह-संस्थापक और चेयरमैन लैरी एलिसन दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं. उन्होंने एलन मस्क को पीछे छोड़ते हुए कुछ समय के लिए दुनिया के नंबर-1 अमीर इंसान का दर्जा हासिल किया. हालांकि, बाद में मस्क फिर पहले पायदान पर लौट गए, लेकिन 81 साल के इस टेक टॉयकून ने साबित कर दिया कि वे सिर्फ दौलत कमाने वाले नहीं, बल्कि समाज और मानवता के लिए योगदान देने वाले भी हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लैरी एलिसन ने 2010 में गिविंग प्लेज के तहत अपनी कुल संपत्ति का 95% हिस्सा दान करने का संकल्प लिया था. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, उनकी नेटवर्थ 368 अरब डॉलर है. लैरी का ये दान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्थित एलिसन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (EIT) के जरिए किया जाएगा, जो हेल्थ सर्विस, खाद्य असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और एआई रिसर्च जैसी वैश्विक चुनौतियों पर काम करेगा.
पहले कितने दान दिए थे ?लैरी एलिसन पहले भी कई बड़े दान दे चुके हैं. उदाहरण के लिए साउथ कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में कैंसर रिसर्च सेंटर के लिए 200 मिलियन डॉलर का दान.
एलिसन मेडिकल फाउंडेशन को करीब 1 अरब डॉलर का योगदान.
ऑक्सफोर्ड एलिसन इंस्टीट्यूट परिसर के लिए 1.3 अरब डॉलर का दान, जो 2027 तक खुलने वाला है.
इन दानों के जरिए लैरी ने मेडिकल रिसर्च और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनका लक्ष्य यह है कि उनकी लगभग पूरी संपत्ति परोपकारी कार्यों में खर्च हो.
साल 2025 में लैरी की कमाईसाल 2025 लैरी के लिए रिकॉर्ड साल रहा. सितंबर की शुरुआत में उनकी संपत्ति में एक ही दिन में 101 अरब डॉलर का उछाल आया, जो किसी भी अरबपति की अब तक की सबसे बड़ी एक-दिनी कमाई है. इस दौरान उनकी नेटवर्थ 393 अरब डॉलर तक पहुंच गई, और उन्होंने एलन मस्क को पीछे छोड़कर टॉप-1 की कुर्सी पर कब्जा किया. हालांकि, बाद में मस्क फिर नंबर-1 बने, लेकिन लैरी लगातार दूसरे सबसे अमीर बने रहे.
ओरेकल और लैरी का बिजनेस सफरलैरी एलिसन ने 1977 में सिर्फ 2000 डॉलर के निवेश से ओरेकल की शुरुआत की. 1986 में कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हुई. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. ओरेकल में उनकी हिस्सेदारी 41% तो है ही. इसके अलावा वे टेस्ला में भी बड़े स्टेकहोल्डर रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लैरी एलिसन ने 2010 में गिविंग प्लेज के तहत अपनी कुल संपत्ति का 95% हिस्सा दान करने का संकल्प लिया था. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, उनकी नेटवर्थ 368 अरब डॉलर है. लैरी का ये दान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्थित एलिसन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (EIT) के जरिए किया जाएगा, जो हेल्थ सर्विस, खाद्य असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और एआई रिसर्च जैसी वैश्विक चुनौतियों पर काम करेगा.
पहले कितने दान दिए थे ?लैरी एलिसन पहले भी कई बड़े दान दे चुके हैं. उदाहरण के लिए साउथ कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में कैंसर रिसर्च सेंटर के लिए 200 मिलियन डॉलर का दान.
एलिसन मेडिकल फाउंडेशन को करीब 1 अरब डॉलर का योगदान.
ऑक्सफोर्ड एलिसन इंस्टीट्यूट परिसर के लिए 1.3 अरब डॉलर का दान, जो 2027 तक खुलने वाला है.
इन दानों के जरिए लैरी ने मेडिकल रिसर्च और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनका लक्ष्य यह है कि उनकी लगभग पूरी संपत्ति परोपकारी कार्यों में खर्च हो.
साल 2025 में लैरी की कमाईसाल 2025 लैरी के लिए रिकॉर्ड साल रहा. सितंबर की शुरुआत में उनकी संपत्ति में एक ही दिन में 101 अरब डॉलर का उछाल आया, जो किसी भी अरबपति की अब तक की सबसे बड़ी एक-दिनी कमाई है. इस दौरान उनकी नेटवर्थ 393 अरब डॉलर तक पहुंच गई, और उन्होंने एलन मस्क को पीछे छोड़कर टॉप-1 की कुर्सी पर कब्जा किया. हालांकि, बाद में मस्क फिर नंबर-1 बने, लेकिन लैरी लगातार दूसरे सबसे अमीर बने रहे.
ओरेकल और लैरी का बिजनेस सफरलैरी एलिसन ने 1977 में सिर्फ 2000 डॉलर के निवेश से ओरेकल की शुरुआत की. 1986 में कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हुई. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. ओरेकल में उनकी हिस्सेदारी 41% तो है ही. इसके अलावा वे टेस्ला में भी बड़े स्टेकहोल्डर रहे हैं.
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