जब मार्केट में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है तब लोग सोचते हैं कि अपने शॉर्ट-टर्म पैसे को कहां इन्वेस्ट करें जिससे पैसा सेफ भी रह सके और थोड़ा रिटर्न भी मिल जाए। ऐसे समय में दो ऑप्शन सामने आते हैं पहला शॉर्ट-टर्म फिक्स्ड डिपॉज़िट्स (FD) और दूसरा लिक्विड म्यूचुअल फंड्स। बता दे कि इन दोनों के अपने फायदे और नुकसान भी हैं। सही फैसला लेने के लिए आपको इनकी पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।
FD गारंटीड रिटर्न और सेफ्टी
फिक्स्ड डिपॉज़िट एक ऐसा ऑप्शन है जो खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो पैसा कहीं इन्वेस्ट तो करना चाहते हैं पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। शॉर्ट-टर्म FD आमतौर पर कुछ महीनों से लेकर एक साल तक के लिए होती हैं। इसमें आपको पहले से पता होता है कि मेच्योरिटी पर कितना रिटर्न मिलेगा। यह बैंक द्वारा गारंटीड होता है यानी आपका पैसा पूरी तरह सेफ रहता है। चाहे मार्केट ऊपर जाए या नीचे इससे आपकी FD पर कोई असर नहीं पड़ता।
लिक्विड म्यूचुअल फंड्स
लिक्विड म्यूचुअल फंड्स उन लोगों के लिए सही रहता है जो थोड़ा रिस्क लेने को तैयार रहते हैं और पैसे को जरूरत पड़ने पर जल्दी निकालना चाहते हैं। ये फंड्स शॉर्ट-टर्म सरकारी बॉन्ड्स, ट्रेजरी बिल्स आदि में इन्वेस्ट करते हैं। आमतौर पर इनका रिटर्न सेविंग अकाउंट और FD से थोड़ा बेहतर होता है। साथ ही ये बहुत लिक्विड होते हैं यानी कि आप एक-दो दिन के अंदर पैसे निकाल सकते हैं। हालांकि इनमें थोड़ा बहुत मार्केट रिस्क भी जरूर होता है।
सेफ्टी और जरूरत के अनुसारअगर आपका फोकस पूरी तरह से सेफ्टी और फिक्स रिटर्न पर है तो आपके लिए FD बेहतर ऑप्शन है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि पैसा थोड़े बेहतर रिटर्न के साथ कभी भी निकाला जा सके तो लिक्विड फंड आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। बहुत से लोग दोनों में थोड़ा-थोड़ा पैसा इन्वेस्ट करते हैं ताकि सेफ्टी भी बनी रहे और जरूरत पड़ने पर पैसे भी आसानी से निकल जाएं।
निष्कर्ष: शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट के समय आपकी ज़रूरत, रिस्क लेने की क्षमता और पैसे की ज़रूरत कब होगी इन सब बातों को सोचकर ही FD या लिक्विड फंड में से चुनाव करना समझदारी होगी।
FD गारंटीड रिटर्न और सेफ्टी
फिक्स्ड डिपॉज़िट एक ऐसा ऑप्शन है जो खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो पैसा कहीं इन्वेस्ट तो करना चाहते हैं पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। शॉर्ट-टर्म FD आमतौर पर कुछ महीनों से लेकर एक साल तक के लिए होती हैं। इसमें आपको पहले से पता होता है कि मेच्योरिटी पर कितना रिटर्न मिलेगा। यह बैंक द्वारा गारंटीड होता है यानी आपका पैसा पूरी तरह सेफ रहता है। चाहे मार्केट ऊपर जाए या नीचे इससे आपकी FD पर कोई असर नहीं पड़ता।
लिक्विड म्यूचुअल फंड्स
लिक्विड म्यूचुअल फंड्स उन लोगों के लिए सही रहता है जो थोड़ा रिस्क लेने को तैयार रहते हैं और पैसे को जरूरत पड़ने पर जल्दी निकालना चाहते हैं। ये फंड्स शॉर्ट-टर्म सरकारी बॉन्ड्स, ट्रेजरी बिल्स आदि में इन्वेस्ट करते हैं। आमतौर पर इनका रिटर्न सेविंग अकाउंट और FD से थोड़ा बेहतर होता है। साथ ही ये बहुत लिक्विड होते हैं यानी कि आप एक-दो दिन के अंदर पैसे निकाल सकते हैं। हालांकि इनमें थोड़ा बहुत मार्केट रिस्क भी जरूर होता है।
सेफ्टी और जरूरत के अनुसारअगर आपका फोकस पूरी तरह से सेफ्टी और फिक्स रिटर्न पर है तो आपके लिए FD बेहतर ऑप्शन है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि पैसा थोड़े बेहतर रिटर्न के साथ कभी भी निकाला जा सके तो लिक्विड फंड आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। बहुत से लोग दोनों में थोड़ा-थोड़ा पैसा इन्वेस्ट करते हैं ताकि सेफ्टी भी बनी रहे और जरूरत पड़ने पर पैसे भी आसानी से निकल जाएं।
निष्कर्ष: शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट के समय आपकी ज़रूरत, रिस्क लेने की क्षमता और पैसे की ज़रूरत कब होगी इन सब बातों को सोचकर ही FD या लिक्विड फंड में से चुनाव करना समझदारी होगी।
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