नैनीताल: कैंची धाम, जो एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, में हाल ही में आतंकवाद रोधी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस ड्रिल का संचालन पुलिस, एसडीआरएफ, अग्निशामक विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर किया। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण करना और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता को परखना था।
इस मॉक ड्रिल का नेतृत्व एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र और सीओ प्रमोद साह ने किया। इसमें पुलिस और सुरक्षाबलों ने एक काल्पनिक आतंकवादी हमले की स्थिति को सफलतापूर्वक संभाला। ड्रिल की शुरुआत उस समय हुई जब सूचना मिली कि कैंची धाम क्षेत्र में पांच संदिग्ध आतंकवादी छिपे हुए हैं। इस सूचना के तुरंत बाद, जिले की पुलिस, स्पेशल ऑपरेशंस टीम (SOT), एसडीआरएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं। इलाके को चारों ओर से घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान दो आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया, जबकि तीन को गिरफ्तार कर लिया गया।
क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) ने घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचकर स्थिति को संभाला और इलाके की नाकेबंदी की। उनके साथ बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वॉड और अग्निशामक टीमों ने भी त्वरित कार्रवाई की।
कैंची धाम की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सतर्कता बरती है। यह स्थल बाबा नीब करौरी महाराज की तपोभूमि है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। एप्पल के सीईओ टिम कुक और फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग जैसे कई प्रमुख व्यक्तियों ने भी यहां यात्रा की है। इस कारण प्रशासन सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मॉक ड्रिल का आयोजन इसी सावधानी का हिस्सा था।
अग्निशामक विभाग ने आग लगने की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी और आग पर काबू पाया। एसडीआरएफ की टीमों ने घायल व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने और संदिग्ध वस्तुओं की जांच करने का कार्य किया। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से पूरे अभियान की निगरानी की गई। ट्रैफिक पुलिस ने क्षेत्र की आवाजाही को नियंत्रित रखा ताकि आम नागरिकों को कोई परेशानी न हो।
ड्रिल के बाद एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में मॉक ड्रिल की सफलता, चुनौतियों और भविष्य के सुधारों पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि भविष्य में जिले के अन्य संवेदनशील स्थलों पर भी इस प्रकार की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएंगी।
एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि यह मॉक ड्रिल हमारी तैयारी की कसौटी थी। ऐसी ड्रिल न केवल हमारी कमजोरियों की पहचान करती हैं, बल्कि टीमों के बीच समन्वय को भी मजबूत करती हैं। हम सुनिश्चित करेंगे कि वास्तविक आपात स्थिति में हमारी प्रतिक्रिया पूरी तरह प्रभावी हो। जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
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