भोजपुर जिले के आरा में एक बच्चे का शव गंगा नदी में बहता हुआ पाया गया। यह घटना तब हुई जब बच्चे की सांप काटने से मृत्यु हो गई। परिजनों ने शव को जलाने के बजाय गंगा में प्रवाहित करने का निर्णय लिया। यह मान्यता है कि सांप के काटने से मृत्यु होने पर शव को जलाना नहीं चाहिए, बल्कि उसे गंगा में प्रवाहित करना चाहिए ताकि मृत आत्मा पुनर्जीवित हो सके।
यह घटना महुली गंगा घाट पर हुई, जहां बच्चे के शव को केले के थम पर बांधकर गंगा में प्रवाहित किया गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि शव को नाव से गंगा की धारा में बहाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, चमुखा गांव के विनय सिंह के 8 वर्षीय पुत्र आदर्श कुमार को एक विषैले सांप ने काट लिया था, जिसके बाद उसकी अस्पताल में मृत्यु हो गई।
शास्त्र के जानकार विष्णु देव उपाध्याय ने बताया कि प्राचीन मान्यता के अनुसार, सांप के काटने से मृत्यु होने पर शव को प्रवाहित करने का कारण यह है कि किसी तांत्रिक विद्या से मृत व्यक्ति को पुनर्जीवित किया जा सके। यह प्रथा पहले अधिक प्रचलित थी, लेकिन अब इसके मामले कम ही देखने को मिलते हैं। इसे अंधविश्वास या चमत्कार के रूप में भी देखा जा सकता है।
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