टाटा इनवेस्टमेंट के शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
शेयर बाजार में कई बार ऐसे यू-टर्न देखने को मिलते हैं, जहां बाजार की शुरुआत तेजी से होती है और कुछ समय बाद गिरावट का सामना करना पड़ता है। शुक्रवार को टाटा इनवेस्टमेंट लिमिटेड के शेयरों में एक ऐसा ही अप्रत्याशित मोड़ आया। पहले 45 मिनट में कंपनी के शेयरों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे यह 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
हालांकि, इसके बाद शेयरों में गिरावट का दौर शुरू हुआ, जो 145 मिनट तक चला। इस गिरावट के कारण कंपनी के शेयरों में 16 प्रतिशत से अधिक की कमी आई, जिससे टाटा इनवेस्टमेंट को 9,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आइए जानते हैं कि इस उतार-चढ़ाव का कारण क्या है।
शुरुआत में 12 प्रतिशत की वृद्धिबीएसई के आंकड़ों के अनुसार, टाटा ग्रुप की इस कंपनी के शेयरों की शुरुआत काफी सकारात्मक रही, जो 10,584 रुपये पर खुले। इसके बाद, शेयरों ने 11,840 रुपये के स्तर तक पहुंचकर 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर को छू लिया। इस दौरान, 45 मिनट में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। निवेशकों को उम्मीद थी कि यह वृद्धि बाजार बंद होने तक जारी रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मुनाफा वसूली शुरू हो गई।
145 मिनट में 16 प्रतिशत से अधिक की गिरावटइसके बाद, शेयरों में गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ, जो लगभग 145 मिनट तक चला। इस दौरान, कंपनी के शेयर 9,900 रुपये के स्तर पर आ गए। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट 16.38 प्रतिशत यानी 1,940 रुपये की थी। दोपहर 1:55 बजे, कंपनी का शेयर 3.86 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,173.05 रुपये पर था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुनाफा वसूली का परिणाम है।
कंपनी की वैल्यूएशन में कमीदिलचस्प बात यह है कि कंपनी की वैल्यूएशन में भी गिरावट आई है। जब शेयर 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर थे, तब कंपनी का मार्केट कैप 59,904.83 करोड़ रुपये था। लेकिन जब शेयर 9,900 रुपये के स्तर पर आए, तो कंपनी की वैल्यूएशन घटकर 50,089.34 करोड़ रुपये रह गई। इस प्रकार, कंपनी को 145 मिनट में 9,815.49 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
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