कई बार लोग इतनी शराब पी लेते है कि उन्हें कोई होश नहीं रहता. फिर सुबह हैंगओवर की वजह से सिर पकड़ कर बैठना पड़ता हैं. ऊपर से कुछ लोगों को सिर्फ हैंगओवर ही नहीं एंग्जायटी भी साथ में हो जाती हैं. जब हैंगओवर और एंग्जायटी एक साथ होता है तो उसे ‘हैंग्जायटी’ कहते हैं.
क्या है हैंग्जायटी?
जब शराब पीने के बाद हैंगओवर और एंग्ज़ायटी का एहसास एक साथ हो तो इसे ‘हैंग्जायटी’ कहा जाता हैं. हैंगओवर के लक्षण है- उबकाई, डिहाइड्रेशन और सिरदर्द. वहीं एंग्जायटी के लक्षण हैं- अपराधबोध, शर्मिंदगी, घबराहट और पछतावा. सुबह उठकर कई लोग सोचते है कि कही नशे में उन्होंने कोई ऐसा काम तो नहीं कर दिया, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था. अगर आपको भी बार-बार ये बातें सोचकर घबराहट महसूस हो रही है तो हो सकता है आप में भी हैंग्ज़ायटी के लक्षण हो.
क्यों होती है हैंग्जायटी?
जब आप बहुत ज्यादा शराब पीते है तो शरीर में कुछ केमिकल रिएक्शन होते हैं. शराब तीन न्यूरोट्रांसमिटर्स पर असर डालती है डोपामाइन, गाबा और ग्लूटामेट. शराब न्यूरोट्रांसमिटर्स को प्रभावित करती है, जिससे हम रिलैक्स महसूस करते है और हमें अच्छा लगता है लेकिन जब शराब का असर कम होने लगता है तो शरीर में केमिकल रिएक्शन नॉर्मल हो जाती हैं. इस दौरान एंग्ज़ायटी बढ़ जाती है क्योंकि रिलैक्स और एंग्जायटी का एहसास कम होने लगता हैं.
हैंग्जायटी के लक्षण
- ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है
- नींद में दिक्कत आना
- हैंग्जायटी के फिज़िकल और साइकोलॉजिकल लक्षण एक साथ महसूस होते हैं.
- बेचैनी महसूस होना
- दिल का अनियमित धड़कना
- घबराहट होना
- दिल की धड़कन तेज होना
- अलर्ट या तनाव महसूस होना
सबको होती है हैंग्जायटी?
हर व्यक्ति को हैंगओवर के बाद हैंग्जायटी नहीं होती, जो लोग बहुत ज्यादा चिंतित रहते हैं. एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां खाते है या जिन्हें किसी प्रकार का मेंटल डिसॉर्डर हैं. उनमे हैंग्जायटी की समस्या हो सकती हैं.
कैसे करें हैंग्जायटी से डील ?
सबसे पहले सीमित मात्रा में शराब पिएं. बहुत ज्यादा शराब पीने से बचना ही चाहिए. उसके बाद अपने पर्सनल ट्रिगर को पहचाने कि आप शराब किस वजह से पीते हैं? जैसे सोशल प्रेशर या सोशल एंग्ज़ायटी. शराब पीने का कारण समझना जरूरी है, एक बार कारण पता चल जाए तो उस पर काम करके हैंग्जायटी से बचा जा सकता हैं. अगर शराब पीना ही है तो लिमिट में पिएं. अगर आप पहले से हैंग्जायटी महसूस कर रहें है तो लक्षणों को कम करने के लिए खुद को हाइड्रैट रखें. ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. ऐसी एक्सरसाइज़ करें जिससे मन शांत हो. गहरी सांसें लें. किसी दोस्त से बात करें. अगर फिर भी हैंग्ज़ायटी के लक्षण कंट्रोल नहीं हो रहें तो किसी मेंटल प्रोफेशनल से मिलें.
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