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पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक, PAK पीएम शहबाज शरीफ का यूट्यूब अकाउंट ब्लॉक!..

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Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले ने न केवल दोनों देशों के रिश्तों को तनावपूर्ण बनाया है बल्कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त डिजिटल कार्रवाई भी शुरू कर दी है. मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को भारत में ब्लॉक कर दिया है. यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई है.

शहबाज शरीफ का यूट्यूब चैनल ब्लॉक

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का यूट्यूब चैनल ब्लॉक होने के बाद उपयोगकर्ताओं को एक संदेश दिखाई देता है. जिसमें लिखा है राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सरकार के आदेश के कारण यह सामग्री वर्तमान में इस देश में उपलब्ध नहीं है. सरकार द्वारा हटाए जाने के अनुरोधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया Google पारदर्शिता रिपोर्ट देखें. यह कदम भारत की डिजिटल संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जुड़े कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नकेल कसना शुरू कर दिया है.

पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया और भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ा. हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कठोरतम सजा देने की बात कही. इसके जवाब में भारत ने कई कठोर कदम उठाए. जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और अटारी-वाघा सीमा के जरिए 500 से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजना शामिल है.

16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स पर प्रतिबंध

इससे पहले भारत ने झूठी, भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री फैलाने के आरोप में 16 प्रमुख पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया था. इनमें डॉन न्यूज, समा टीवी, एआरवाई न्यूज, जियो न्यूज, बोल न्यूज, रफ्तार, द पाकिस्तान रेफरेंस, समा स्पोर्ट्स, जीएनएन, उजैर क्रिकेट, उमर चीमा एक्सक्लूसिव, अस्मा शिराजी, मुनीब फारूक, सुनो न्यूज और रजी नामा जैसे चैनल शामिल हैं. इन चैनलों के कुल 63 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर थे. जो भारत के खिलाफ भ्रामक और उत्तेजक सामग्री फैलाने में लगे थे.

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