ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि “जिसका कोई नहीं होता, उसका खुदा होता है”. मुसीबत में पड़ने पर लोग अक्सर भगवान को ही याद करते हैं और यदि फरियाद दिल से की जाए तो भगवान उसे बचाने के लिए कोई न कोई फ़रिश्ता भी जरूर भेज देते हैं. आज हम एक ऐसी घटना बताएंगे जिसे जानने के बाद आप भी इस कहावत पर यकीन करने लगेंगे. दुनिया में आज भी भले इंसानों की कमी नहीं हैं और आज हम आपको एक ऐसे ही भले इंसान की कहानी बताने जा रहे हैं. आज के इस पोस्ट में हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे गरीब व्यक्ति की जो रिक्शा चला कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है. बबलू पिछले कई सालों से रिक्शा चला रहा है. आज से करीब 8 साल पहले जब वह रिक्शे से कहीं जा रहा था तब उसे एक आदमी ने बुलाया और अपनी बेटी को रिक्शे पर बिठाते हुए कहा कि इसे ध्यान से स्कूल छोड़ दो. बबलू उस लड़की को स्कूल ले जाने लगा.
अभी रिक्शा कुछ देर आगे चला ही था कि लड़की अचानक जोर-जोर से रोने लगी. इससे पहले बबलू कुछ समझ पाता लड़की रिक्शे से उतरकर रेल की पटरियों की तरफ तेजी से भागी. बबलू भी उसके पीछे तेजी से भागने लगा. बबलू पर उस लड़की की जिम्मेदारी थी इसलिए उसने लड़की का पीछा किया. बबलू देखता है कि लड़की आत्महत्या करने के लिए रेल की पटरियों के बीचोंबीच जाकर खड़ी हो गयी है. बबलू उस लड़की से पूछता रह गया कि वह आखिर ऐसा क्यों कर रही है लेकिन लड़की ने उसे कुछ नहीं बताया. लड़की ने बबलू को खूब भला बुरा कहा और उसे वहां से चले जाने के लिए बोला. लड़की ने जाहिल, गंवार कहकर बबलू का बहुत अपमान किया लेकिन बबलू ने उसे अकेला नहीं छोड़ा. आख़िरकार, काफी देर बाद जैसे-तैसे समझाने के बाद वह लड़की को उसके घर ले आया. लड़की ने उसे डांट फंटकार कर अपने घर से निकाल दिया और कहा कि अपनी मनहूस शक्ल वह उसे फिर कभी ना दिखाए. लड़की को सही सलामत घर पहुंचकर बबलू वहां से चला गया.
इस घटना को 8 साल बीत गए. एक दिन रिक्शा चलाते हुए बबलू का भयानक एक्सीडेंट हो गया. आस-पास के लोग उसे अस्पताल लेकर गए. होश आने पर बबलू ने देखा कि एक डॉक्टरनी उसके बगल में खड़ी है. आपको बता दें कि जिस डॉक्टर ने बबलू का इलाज किया वह कोई और नहीं बल्कि वही लड़की थी जिसकी जान बबलू ने 8 साल पहले बचाई थी. लोगों ने जब लड़की से पूछा की क्या वह बबलू को जानती है तो सबके सामने लड़की ने कहा कि वह उसके पापा हैं. लड़की ने ये भी बताया कि अगर 8 साल पहले वह उसकी जान नहीं बचाते तो वह कभी डॉक्टर नहीं बन पाती. ये बात सुनकर बबलू भावुक हो गया और दोनों खूब रोये. आज बबलू और उस लड़की में बाप-बेटी का रिश्ता है और मौका मिलने पर दोनों जरूर मिलते हैं.
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