खगड़िया/पटनाः बिहार की सत्ता पर अपनी मज़बूत पकड़ बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ चुनिंदा, बेहद भरोसेमंद IAS अधिकारियों और वरिष्ठ राजनीतिक सहयोगियों पर निर्भर करते हैं। ये ‘कोर टीम’ पर्दे के पीछे से सरकार की नीतियों को आकार देती है, राजनीतिक समीकरणों को साधती है और संकट के समय मुख्यमंत्री के लिए अंतिम सुरक्षा कवच बनती है।
6 ऐसे प्रभावशाली चेहरे हैं जो नीतीश कुमार के शासन की पॉवर मशीन को चलाते हैं।
1. दीपक कुमार: मुख्यमंत्री के कान और सबसे भरोसेमंद ब्यूरोक्रेट
1984 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी दीपक कुमार मुख्यमंत्री की ‘कोर टीम’ के शीर्ष पर हैं।
2021 में मुख्य सचिव पद से रिटायर होने के बाद से वह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव (Principal Secretary) के रूप में काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार के हर बड़े नीतिगत फैसले में इनकी सलाह अनिवार्य होती है। सरकारी गलियारों में इन्हें ‘मुख्यमंत्री के कान’ कहा जाता है, जो उनके प्रशासन की आँख और कान दोनों हैं।
2. संजय कुमार झा: राजनीतिक रणनीतिकार और NDA वापसी के शिल्पकार
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा मुख्यमंत्री के सबसे करीबी राजनीतिक सलाहकार हैं। पूर्व में भाजपा में रहे झा ने ही जनवरी 2024 में नीतीश कुमार की NDA में वापसी की पूरी स्क्रिप्ट लिखी थी। पूर्व सहयोगी आर.सी.पी. सिंह के निष्कासन के बाद से ये नीतीश कुमार के सबसे बड़े राजनीतिक संकटमोचक बनकर उभरे हैं और गठबंधन के अंदरूनी संवाद को संभालते हैं।
3. प्रतय अमृत: सुशासन की रीढ़ और वर्षों पुराने फेवरेट IAS
1991 बैच के IAS अधिकारी प्रतय अमृत ने हाल ही में (सितंबर 2025 में) मुख्य सचिव का पदभार संभाला है। हालांकि वह CM की कोर टीम में नए हैं, लेकिन पिछले 17 वर्षों से वह नीतीश कुमार के पसंदीदा नौकरशाह रहे हैं। सड़क निर्माण, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख विभागों में उनका शानदार रिकॉर्ड रहा है। उन्हें जटिल और बड़ी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने वाले मुख्य स्तंभ के रूप में जाना जाता है।
4. विजय कुमार चौधरी: वरिष्ठ मंत्री और उच्च जातियों का प्रतिनिधित्व
वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चेहरा हैं, जिनकी मुख्यमंत्री तक आसान पहुँच है। वह भूमिहार समुदाय (उच्च जाति) से आते हैं और कांग्रेस से जेडीयू में आए थे। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके चौधरी वर्तमान में जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालते हैं। उनका प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव उन्हें मुख्यमंत्री का एक विश्वसनीय राजनीतिक संकटमोचक बनाता है।
5. राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह): जेपी आंदोलन के सहयोगी
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) नीतीश कुमार के पुराने और अटूट सहयोगियों में से एक हैं, जो उनके साथ जेपी आंदोलन के दिनों से जुड़े रहे हैं। हालांकि वह केंद्र सरकार में हैं, लेकिन जब भी वे पटना में होते हैं, मुख्यमंत्री से नियमित मुलाकात करते हैं। उनका अनुभव और राजनीतिक कद मुख्यमंत्री के लिए राजनीतिक समीकरणों को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
6. कुमार रवि: सीएम हाउस के ‘गेटकीपर’
पूर्व पटना डीएम कुमार रवि वर्तमान में मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वह मुख्यमंत्री आवास पर दीपक कुमार और अनुपम कुमार के साथ लगातार मौजूद रहते हैं। रवि का मुख्य काम मुख्यमंत्री के कार्यक्रम विवरण को व्यवस्थित करना, आगंतुकों को सीएम से मिलवाना और उन्हें आगामी कार्यों की छोटी-छोटी जानकारी देना है। वह मुख्यमंत्री तक पहुँचने वाले सूचना के प्राथमिक चैनल के रूप में कार्य करते हैं।
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