New Delhi, 16 अगस्त . बच्चों का वैक्सीनेशन उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह उन्हें कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों जैसे पोलियो, खसरा, डिप्थीरिया, टेटनेस, हेपेटाइटिस और टीबी से बचाता है. कई बार वर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर अपेक्षित ध्यान नहीं दे पाते. इस वजह से उनके बच्चों को भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है. ऐसे में बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चिंता उनके मन में घर कर जाती है. इन्हीं सभी बातों को लेकर डॉक्टर अंकित ओम ने कुछ टिप्स साझा किए हैं.
डॉक्टर अंकित ओम ने से बताया कि कैसे वर्किंग पेरेंट्स बच्चों का वैक्सीनेशन करवाने के लिए समय निकाल सकते हैं?
डॉक्टर ने कहा, “वर्किंग पेरेंट्स पार्ट टाइम में या फ्री समय में पास के किसी भी क्लीनिक, हॉस्पिटल या वैक्सीनेशन इंस्टीट्यूट जाकर बच्चे के वैक्सीनेशन के लिए अपने शेड्यूल के हिसाब से वहां वैक्सीनेशन अपॉइंटमेंट लेटर बनवा लें, फिर उसे ट्रैक करते रहें और साथ ही, वहां के कम्यूनिकेटर से बातचीत करके शेड्यूल के हिसाब से छुट्टी लेकर बच्चे का वैक्सीनेशन करवा सकते हैं.”
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अनुसार, वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में साप्ताहिक आधार पर नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाते हैं. प्रत्येक सत्र से पहले, संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लाभार्थियों को टीकाकरण सत्र के स्थान के बारे में जानकारी देती हैं और बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के दिन आकर टीका लगवाने के लिए प्रेरित करती हैं. देश में टीकाकरण कवरेज को अधिकतम करने के लिए, देश भर में सूचना शिक्षा और संवाद (आईईसी) संबंधी क्रियाकलाप आयोजित किये जाते हैं. आईईसी का प्रसार दूरदर्शन जैसे सेवा प्रसारकों के माध्यम से मीडिया क्षेत्र की हस्तियों, रेडियो जिंगल और यूट्यूब पॉडकास्ट का उपयोग करके किया जाता है. स्थानीय समुदाय-स्तरीय गतिविधियां जैसे माइकिंग, पोस्टर और सामूहिक बैठकें भी आयोजित की जाती हैं.
बता दें, बच्चों का समय पर वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और महामारी को रोकने में मदद करते हैं. वर्किंग पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गलती से भी वैक्सीन छूटे न और यदि गलती से टीका छूट जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
हालांकि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी होते हैं. इनके हल्के साइड इफेक्ट्स, जैसे कि इंजेक्शन की जगह पर हल्का दर्द या बुखार, हो सकते हैं जो कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं. बच्चों का समय पर वैक्सीनेशन कराना एक जिम्मेदार माता-पिता होने का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है, जो उन्हें एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य देता है. वैक्सीनेशन से संबंधित मिथकों को नजरअंदाज करें और चिकित्सक की सलाह लें. यह बच्चों के स्वस्थ भविष्य की नींव है.
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एनएस/केआर
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