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'देश में 'बवाल बहादुरी' और विदेश में 'बकवास बहादुरी' करते हैं डिज्नीलैंड पार्टी के प्रोफेसर', राहुल के बयान पर भड़के नकवी

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नई दिल्ली, 21 अप्रैल . लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर चुनाव आयोग को लेकर दिए गए बयान पर सियासत तेज हो गई है. भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस सांसद को “डिज्नीलैंड वाली पार्टी के प्रवासी प्रोफेसर” बताते हुए कहा कि उनके पाठ्यक्रम में यही पाठ पढ़ाया जाता है.

मुख्तार अब्बास नकवी ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “वंशवाद को लोकतंत्र के डिज्नीलैंड के रूप में पेश करने वाले प्रवासी प्रोफेसर साहब के पाठ्यक्रम में इसी तरह का पाठ पढ़ाया जाता है. जब प्रवासी प्रोफेसर साहब की पाठशाला में ‘पप्पू जी’ जाएंगे तो इस तरह के पाठ पढ़ेंगे. देश में ‘बवाल बहादुरी’ और विदेश में ‘बकवास बहादुरी’ करेंगे. और उससे भी महत्वपूर्ण यह है कि जो लोग संवैधानिक संस्थाओं पर हमले के हिस्ट्रीशीटर रहे हैं, वे आज संवैधानिक संस्थाओं को लेकर हाहाकार मचाए हुए हैं. कोई ऐसा दिन नहीं है, जब उन्होंने संसद, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर हमले की एक लंबी हिस्ट्रीशीट न बनाई हो.”

पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर भाजपा नेता ने कहा, “वर्तमान में संवैधानिक कानून और सांप्रदायिक लिंचिंग किसी भी देश या धर्म के लिए अच्छी बात नहीं है. एक धर्मनिरपेक्ष देश में सांप्रदायिक प्रवेश को लेकर संवैधानिक कानून की आड़ में सांप्रदायिक लिंचिंग का माहौल बनाना ठीक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट इस पर कार्रवाई नहीं कर रहा है, वह अवलोकन कर रहा है, जो एक अलग मामला है.”

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पश्चिम बंगाल में कुछ लोग जिस तरह की अशांति और उपद्रव पैदा कर रहे हैं, उससे साफ जाहिर होता है कि वे सांप्रदायिक उन्माद के जरिए हमारे संवैधानिक और संसदीय निर्णय को हाईजैक करना चाहते हैं. मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि वक्फ लॉ कोई आसमानी कानून नहीं है. यह एक जमीनी कानून है और संसद में बने इस कानून को संसद ने सही करने का काम किया है.”

उत्तर प्रदेश में साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की संभावनाओं पर मुख्तार अब्बास नकवी ने निशाना साधा. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के ‘टीपू’ हों या फिर ‘सुल्तान’. चाहे वे अकेले लड़ें या साथ, वे 2027 की चुनावी चौपाल पर चारों खाने चित होंगे.”

एफएम/एकेजे

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