गुना, 5 अक्टूबर . Madhya Pradesh के गुना जिले में सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना के तहत पंजीयन 3 अक्टूबर से शुरू हो चुके हैं, जो 17 अक्टूबर तक चलेगा. 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक बेची गई सोयाबीन फसल पर लाभ मिलेगा. समर्थन मूल्य 5328 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है. अगर फसल इससे कम दाम पर बिकती है तो Government बाजार मूल्य और समर्थन मूल्य के अंतर की राशि सीधे किसान के खाते में जमा करेगी. किसानों ने से बात करते हुए Government की तारीफ की.
Governmentा द्वारा चलाई जा रही योजना से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ सुनिश्चित होगा. मंडियों में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा. होर्डिंग, पोस्टर लगाए जाएंगे और प्रत्येक मंडी में हेल्प डेस्क स्थापित होंगे. किसानों की किसी समस्या का त्वरित समाधान होगा, ताकि वे योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें. पंजीयन पैक्स, सीएससी या एमपी किसान ऐप के माध्यम से कराया जा सकता है.
कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने से बात करते हुए कहा, “योजना से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा. हमारे दिल्या गुना क्षेत्र में, हमने इस योजना के संबंध में बैठकें और व्याख्यान भी आयोजित किए हैं, जिसमें व्यापारियों और किसान समूहों के साथ सत्र शामिल हैं. जिला प्रभारी मंत्री ने भी किसानों के साथ चर्चा की. इस योजना के तहत, जब कोई किसान मंडी (बाजार) में अपनी उपज बेचता है, अगर उसकी सोयाबीन की फसल का विक्रय मूल्य मॉडल रेट या एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से कम है, तो एमएसपी और मॉडल रेट के बीच का अंतर सीधे Government द्वारा किसान के बैंक खाते में जमा किया जाएगा.”
कृषि विभाग के उप निदेशक संजीव शर्मा ने बताया, “Government की भावांतर भुगतान योजना 2025 किसानों को 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर के बीच एमपी किसान पोर्टल पर पंजीकरण करने की अनुमति देती है. इस योजना से उन किसानों को लाभ होगा जो 24 अक्टूबर से 15 जनवरी के बीच बाजार में अपनी सोयाबीन की फसल बेचते हैं.”
किसान मलखान बघेल ने कहा, “यह एक अच्छा और बेहद सकारात्मक फैसला है. इससे किसानों को फायदा होगा. खेती की लागत बढ़ रही है, खासकर मजदूरी, और अब मजदूरी का खर्च और भी बढ़ रहा है. यह आगे भी जारी रहेगा, और यह वाकई एक बहुत अच्छी बात है. यह सोयाबीन समेत सभी फसलों पर लागू होता है, और बाद में जब मैं मसूर और चना जैसी दालों की फसलों की जांच करने जाऊंगा, तो इस पर भी चर्चा करूंगा.”
किसान अभिषेक मीणा ने बताया, “किसी भी Governmentी पहल की तरह, भावांतर योजना सभी के लिए फायदेमंद है, खासकर किसानों के लिए. मैं इस योजना का पूरा समर्थन करता हूं, क्योंकि इसके स्पष्ट लाभ हैं. हालांकि, मैं एक छोटी सी बात कहना चाहता हूं कि तय दरों के आधार पर, अगर सोयाबीन 4,000 रुपए प्रति क्विंटल बिकता है, तो किसानों को भावांतर भुगतान के तहत लगभग 350 रुपए मिलते हैं, जो मुझे उचित लगता है.”
किसान बलराम ने बताया, “Prime Minister मोदी की Government अच्छे दाम देकर अच्छा काम कर रही है. बाजार में भाव बहुत अच्छे मिल रहे हैं. धीरे-धीरे दाम बढ़ रहे हैं और Government यह सुनिश्चित कर रही है कि किसानों को फायदा हो. यह अच्छी बात है कि उचित दाम मिल रहे हैं. हालांकि खाद, बीज, मजदूरी और दूसरी जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ रही हैं, फिर भी Government किसानों की मदद कर रही है ताकि उन पर बोझ न पड़े.”
किसान जयपाल सिंह यादव ने कहा, “यह सही और बेहद सकारात्मक फैसला है. इससे किसानों को फायदा होगा. खेती की लागत बढ़ रही है, खासकर मजदूरी की लागत, जो अब और बढ़ रही है. यह रुझान आगे भी जारी रहने की संभावना है, जो इसे एक बहुत अच्छी बात बनाता है. यह सोयाबीन समेत सभी फसलों पर लागू होता है.”
अन्य किसान देवेंद्र अहिरवार और त्रिलोक रघुवंशी ने योजना की तारीफ करते हुए कहा, “ये निश्चित रूप से फायदेमंद है. हर वस्तु रोज महंगी होती जा रही है, मजदूरी की लागत बढ़ रही है, और मैं इसके लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूं. Government को सोयाबीन के साथ-साथ मक्का पर भी विचार करना चाहिए. मक्का का भाव भी कम है, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है.”
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एससीएच/डीकेपी
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