मुंबई, 24 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने केंद्र सरकार की नीतियों पर कड़ा सवाल उठाते हुए गुरुवार को कहा कि यह हमला सुरक्षा-व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है.
शिवसेना (यूबीटी) नेता किशोरी पेडनेकर ने कहा कि पहलगाम में पर्यटक घूमने गए थे, जिनमें से कई महाराष्ट्र के थे. आतंकियों ने कथित तौर पर उनसे कलमा पढ़ने को कहा और जिन्होंने नहीं पढ़ा, उन्हें गोली मार दी गई.
पेडनेकर ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए कहा कि यह योजना पूरी तरह असफल रही है. उन्होंने बताया कि तीन साल में 1,20,000 सैनिकों की भर्ती का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन यह लक्ष्य अधूरा रह गया.
उन्होंने कहा कि कई वरिष्ठ और रिटायर्ड सैन्य अधिकारी पहले ही इस योजना की आलोचना कर चुके हैं और इस ओर ध्यान दिलाते रहे हैं कि स्थायी और प्रशिक्षित सैनिकों की भर्ती आवश्यक है. पेडनेकर ने यह भी सवाल उठाया कि पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्र में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस या सुरक्षाबल क्यों नहीं तैनात थे. उन्होंने आरोप लगाया कि हमले के बाद ही प्रशासन हरकत में आया, जब जानें जा चुकी थीं. पूर्व मेयर ने कहा कि अगर सरकार पहले से सतर्क होती और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाते तो यह हादसा टाला जा सकता था.
किशोरी पेडनेकर ने यह भी सवाल उठाया कि भाजपा के मंत्री गिरीश महाजन और अन्य लोग घटनास्थल पर क्यों पहुंचे, जबकि आम नागरिकों को वहां जाने से रोका गया था. उन्होंने कहा कि जब मंत्रियों को सुरक्षा के लिए विशेष विमान और सुरक्षा बल उपलब्ध कराए जा सकते हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित की जा सकती. उन्होंने यह भी कहा कि विदेशों में रह रहे लोगों से आर्थिक निवेश लाने की बात तो की जाती है, लेकिन देश के भीतर आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई देती.
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पीएसएम/एकेजे
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