Next Story
Newszop

बिहार: गयाजी में उमड़ा आस्था का सैलाब, पितृपक्ष के पहले दिन श्रद्धालुओं ने देवघाट पर किया पिंडदान

Send Push

गया, 7 सितंबर . पितृपक्ष का प्रारंभ Sunday यानी सात सितंबर से शुरू हो गया है. पितृपक्ष मेला का शुभारंभ होते ही आस्था का सागर उमड़ पड़ा. पहले ही दिन गयाजी के विष्णुपद स्थित देवघाट पर सुबह से ही तीर्थयात्रियों का जमावड़ा होने लगा और लोगों ने पिंडदान किया.

दूरदराज ओडिशा, Madhya Pradesh, छत्तीसगढ़, गुजरात सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गयाजी पहुंचे. सबकी एक ही कामना रही, पूर्वजों की आत्मा की मोक्ष प्राप्ति. धार्मिक ग्रंथों में गयाजी के महत्व का विस्तार से उल्लेख है.

ऐसी मान्‍यता है कि बिहार के गयाजी में किया गया पिंडदान तीनों लोकों में भी दुर्लभ है. यहां पिंडदान करने से पितरों की मुक्ति और साधक को मोक्ष प्राप्ति होती है. देवघाट पर Sunday को श्रद्धालुओं ने खीर से विशेष पिंडदान किया. मान्यता है कि पितृपक्ष के पहले दिन खीर से किया गया पिंडदान पितरों को तृप्त करता है. कई श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों और अकाल मृत्यु को प्राप्त परिजनों के चित्र सामने रखकर भी विधि-विधान से पिंडदान किया.

तीर्थयात्रियों ने कहा कि गयाजी में पिंडदान करने से मन को शांति मिलती है. पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का भाव जागता है. कई श्रद्धालुओं ने पहली बार गयाजी पहुंचकर इस अद्भुत परंपरा का अनुभव किया.

जिला प्रशासन ने देवघाट पर श्रद्धालुओं के बैठने के लिए टेंट लगाए हैं. पीने का स्‍वच्‍छ पानी, शौचालय, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं की उचित व्यवस्था की गई है. सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम हैं. एनडीआरएफ की टीम से लेकर पुलिस बल तक तैनात है.

पुजारी संदीप शास्त्री ने से खास बातचीत के दौरान बताया कि आज हमने फल्‍गु नदी के किनारे प्रथम दिवस का पिंडदान किया. पितृपक्ष के दौरान यहां आकर पिंडदान मात्र करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है.

पिंडदान करने आई रीता गोयल ने बताया कि मैं ओडिशा के राउरकेला से आई हूं. यहां पर पितरों की मोक्ष के लिए पिंडदान के लिए आई हूं. गयाजी में हमारे सात पीढ़ियों के लोग पिंडदान करने के लिए आ चुके हैं.

Haryana के फरीदाबाद से आए श्रद्धालु प्रवीण शर्मा ने बताया कि हम अपने परिवार और मित्रों के साथ यहां पिंडदान के लिए आए हैं. साथ में परिवार का बच्‍चा भी आया है, जो यहां पिंडदान के महत्‍व और अपनी संस्‍कृति को समझेगा. हमारी मृत्‍यु के बाद वह यहां मोक्ष के लिए पिंडदान करने के लिए आएगा.

एएसएच/डीकेपी

Loving Newspoint? Download the app now