नई दिल्ली, 31 मई . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा केरल वन विभाग निगम (केएफडीसी) के वायनाड स्थित कार्यालय पर 2023 में हुए सशस्त्र हमले के संबंध में केरल की विशेष अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कबानी दलम दस्ते के तीन माओवादी गुरिल्लाओं के नाम शामिल हैं. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) आतंकवादी संगठन के तीन सदस्यों के खिलाफ शुक्रवार को एर्नाकुलम की विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया.
आरोपपत्र में नामजद किए गए लोगों में सी.पी. मोइदीन उर्फ गिरीश उर्फ सलिल उर्फ साजन, मनोज पी.एम. उर्फ आशिक और पी.के. सोमन उर्फ शाहिद उर्फ अकबर शामिल हैं.
एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि उन पर आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से बचाव अधिनियम, केरल वन अधिनियम, 1961 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
आरोपपत्र में कहा गया है कि सीपीआई (माओवादी) के कुल पांच सदस्यों ने घातक हथियारों से लैस होकर 28 सितंबर, 2023 को अवैध रूप से केएफडीसी कार्यालय में घुसपैठ की.
उन्होंने केएफडीसी प्रबंधक को बंधक बना लिया था और आयरन रॉड से सार्वजनिक संपत्ति और उपकरणों को नुकसान पहुंचाया था. माओवादी नारे लगाते हुए, पुरुषों ने कार्यालय परिसर में सीपीआई (माओवादी) के पोस्टर भी चिपकाए थे, ऐसा कहा गया है.
घटना के बाद, चार हमलावरों को प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था, और एक ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.
एनआईए, जिसने कुछ दिनों बाद मामले को अपने हाथ में ले लिया, ने जांच के दौरान पाया कि सी.पी. मोइदीन, मनोज पी.एम. और पी.के. सोमन, एच.एस. रवींद्र उर्फ कोटेहोंडा रवियालियास उर्फ मनोज उर्फ रामू और संतोष कुमार ए उर्फ संधोश कुमार उर्फ राजा, सीपीआई (माओवादी) की सैन्य शाखा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के सदस्य थे.
उन्होंने वायनाड के जंगलों में कबानी दलम नामक एक स्थानीय गुरिल्ला दस्ता बनाया था, और जनता में भय फैलाने और सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से आतंकवादी कृत्यों में सक्रिय रूप से शामिल थे. एनआईए ने कहा कि केएफडीसी पर हमला उनके हिंसक राष्ट्रविरोधी एजेंडे का हिस्सा था.
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जीकेटी/
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