New Delhi, 2 अक्टूबर . भारतीय रसोई में बनने वाले व्यंजनों में जब तक हरी मिर्च न डाली जाए तब तक खाने का स्वाद फीका सा लगता है. क्या आप जानते हैं कि हरी मिर्च तीखापन बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है? हरी मिर्च में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर को मजबूत बनाते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं कैप्सेसिन की. यही वह तत्व है, जो मिर्च को तीखा बनाता है. यह शरीर में फील-गुड हार्मोन एंडोर्फिन बढ़ाता है, जिससे दर्द कम होता है और मूड अच्छा होता है. इसके अलावा, यह मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और कैंसर की कोशिकाओं को भी रोकने में मदद करता है.
हरी मिर्च में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, यहां तक कि संतरे से भी ज्यादा. यह त्वचा को चमकदार और हड्डियों को मजबूत बनाता है. ध्यान रहे, अगर मिर्च को काटकर देर तक रखेंगे तो इसका विटामिन सी नष्ट हो जाता है, इसलिए इसे ताजा खाएं.
इसमें विटामिन-के भी होता है, जो खून का थक्का जमाने और हड्डियों को मजबूती देने में मदद करता है. अगर शरीर में इसकी कमी हो तो नाक से खून आना या घाव से देर तक खून बहना जैसी दिक्कत हो सकती है.
हरी मिर्च में मौजूद हल्का सा फाइबर पाचन को सही रखता है, कब्ज से बचाता है और आंतों की सफाई करता है. नियमित रूप से हरी मिर्च खाने वालों में बड़ी आंत का कैंसर होने की संभावना भी कम होती है.
इसमें बीटा कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आंखों की रोशनी और रेटिना की रक्षा करते हैं. यही तत्व मिर्च को हरा रंग देते हैं और इसे प्राकृतिक नेत्र रक्षक बनाते हैं. साथ ही इसमें पोटैशियम, आयरन और कॉपर जैसे खनिज पाए जाते हैं. ये खून की कमी दूर करने, ऊर्जा बनाने और तनाव कम करने में मदद करते हैं.
हरी मिर्च को खाने के कई तरीके हैं. दाल-रोटी के साथ कच्ची मिर्च खाने से विटामिन सी सीधा मिलता है. लहसुन और धनिया के साथ मिर्च की चटनी स्वाद भी बढ़ाती है और सेहत भी. सरसों के तेल में बना हरी मिर्च का अचार पाचन के लिए अच्छा माना जाता है. सब्जी में तड़का लगाने या सलाद में नींबू-प्याज के साथ खाने से भी यह पौष्टिकता देती है.
हालांकि, ज्यादा हरी मिर्च खाने से जलन और एसिडिटी हो सकती है. जिन लोगों को अल्सर या गैस की दिक्कत है, उन्हें इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए. बच्चों और बुजुर्गों को हल्की तीखी मिर्च ही देना ठीक रहता है.
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पीआईएम/एबीएम
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