बैंकॉक, 1 जून . दीपक और नमन तंवर ने स्वर्ण पदकों के साथ चौथे थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भारत के अभियान की अगुआई की. भारतीय टीम ने दो स्वर्ण पदकों के साथ कुल आठ पदक जीते. कड़े अंतर्राष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हुए और सीमित अनुभव के बावजूद भारतीय मुक्केबाजों का प्रदर्शन शानदार रहा.
थाईलैंड ओपन में भारतीय मुक्केबाजों का यह प्रदर्शन भारतीय मुक्केबाजी के भविष्य के लिए नई उम्मीद की तरह है.
दीपक ने पुरुषों के 75 किग्रा वर्ग में उज्बेकिस्तान के अब्दुरखिमोव जावोखिर को 5:0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि नमन तंवर ने 90 किग्रा वर्ग के फाइनल में चीन के हान ज़ुएझेन को 4:1 से हराया.
महिलाओं के 80+ किग्रा वर्ग के फाइनल में किरण को कजाकिस्तान की येल्दाना तालीपोवा के खिलाफ कड़े मुकाबले में 2:3 से हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
बीएफआई की अंतरिम समिति के अध्यक्ष अजय सिंह ने भारत की इस उपलब्धि पर कहा, “मैं थाईलैंड ओपन में हमारे पदक विजेताओं को हार्दिक बधाई देना चाहता हूं. यह प्रदर्शन हमारे मुक्केबाजों की निरंतरता को दर्शाता है, जो वे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर करने में सक्षम हैं.”
उन्होंने कहा, “दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों के खिलाफ, विशेष रूप से इस बार भारी वजन श्रेणियों में हमारे मुक्केबाजों ने धैर्य, कौशल और रणनीतिक परिपक्वता दिखाई है. यह एक स्पष्ट संकेत है कि हमने जो सिस्टम बनाए हैं, वे काम कर रहे हैं. अब हम कजाकिस्तान में होने वाले विश्व कप के दूसरे चरण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, हम इस गति और विश्वास को आगे बढ़ा रहे हैं. हमारा लक्ष्य स्पष्ट है, आगे बढ़ते रहना, प्रदर्शन करते रहना और मानक को ऊंचा करते रहना.”
पांच भारतीय महिला मुक्केबाज भी कांस्य पदक के साथ स्वदेश लौटेंगी. तमन्ना (51 किग्रा), प्रिया (57 किग्रा), संजू (60 किग्रा), सनेह (70 किग्रा) और लालफाकमावी राल्ते (80 किग्रा) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पोडियम पर स्थान हासिल किया.
रविवार को दीपक ने अब्दुरखिमोव पर शानदार जीत के साथ भारत के लिए स्वर्ण पदक की शुरुआत की. वह शुरुआत में सतर्क थे, लेकिन शुरुआती राउंड के बीच में उन्होंने मुकाबले पर नियंत्रण करना शुरू कर दिया और फिर जीत हासिल कर ली.
तंवर ने 90 किग्रा के फाइनल में अलग दृष्टिकोण अपनाया और शुरू से ही हान के खिलाफ आक्रामक शुरुआत की और पहले दो राउंड में अपना दबदबा बनाए रखा. तीसरे राउंड में चीनी खिलाड़ी ने वापसी की, लेकिन तंवर ने सुरक्षित खेलना शुरू किया, इस वजह से चीनी खिलाड़ी मैच का रुख अपनी तरफ नहीं मोड़ सका.
उज्बेकिस्तान के कोच को नाराज करने वाले एक इशारे के कारण भारतीय मुक्केबाज अंशुल गिल को सेमीफाइनल मुकाबला जीतने के बावजूद अयोग्य घोषित कर दिया गया. विरोधी टीम के कोच की औपचारिक शिकायत के बाद, अंशुल (90+ किग्रा) को पदक प्राप्त करने से रोक दिया गया. अंशुल को रविवार सुबह थाईलैंड ओपन 2025 के फाइनल में भाग लेने से अयोग्य घोषित कर दिया गया.
भारतीय दल ने चौथे थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर दुनिया के अग्रणी मुक्केबाजी देशों में अपना नाम फिर से शामिल किया. कड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना करते हुए, ये मुक्केबाज, जो राष्ट्रीय स्तर पर उपविजेता थे, इस अवसर पर आगे बढ़े और भारत की बेंच स्ट्रेंथ की गहराई को प्रदर्शित किया. उनके प्रभावशाली प्रदर्शन ने न केवल मूल्यवान अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन अर्जित किया, बल्कि भारत के लिए बॉक्सिंग चैप्टर 2.0 को आकार देने में एक महत्वपूर्ण कदम भी उठाया.
विश्व मुक्केबाजी समर्थित एशियाई मुक्केबाजी के तत्वावधान में आयोजित इस प्रतिष्ठित मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भारत ने 19 सदस्यीय मजबूत दल उतारा था, जिसमें चीन, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, दक्षिण कोरिया और मेजबान थाईलैंड जैसे शक्तिशाली देशों के प्रतिभाशाली मुक्केबाजों ने भाग लिया था.
भारतीय मुक्केबाजों ने ब्राजील में विश्व मुक्केबाजी कप में एक स्वर्ण सहित छह पदक जीते थे और अब वे इस महीने के अंत में कजाकिस्तान में होने वाले दूसरे चरण के लिए तैयार हैं. विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल इस साल के अंत में नई दिल्ली में खेला जाएगा.
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पीएके/एकेजे
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