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नीतीश के मंत्रियों को कितना कमीशन मिलता है? तेजस्वी ने बताया, महिला संवाद का खर्च भी जान लीजिए

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पटना: बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने महिला संवाद यात्रा की शुरुआत की। ग्रामीण विकास विभाग इस पूरे अभियान को ऑपरेट कर रहा है। इसके लिए 600 गाड़ियों को लगाया गया है। 2 महीने में 2 करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का टारगेट रखा गया है। मगर, इसके खर्च के बारे में सरकार की ओर से नहीं बताया गया। खर्च का डेटा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लेकर सामने आए। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य में जनता के 2 अरब 25 करोड़ (225 करोड़) रुपए दिल्ली से 600 डिजिटल रथ बुलाकर महिला संवाद के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं। सरकारी खजाने से नीतीश सरकार चुनाव प्रचार करा रही है। तेजस्वी ने कई गंभीर आरोप नीतीश सरकार पर लगाए। तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने हाल ही में कैबिनेट की 7 बैठकों में 76,622 करोड़ रुपए की योजनाओं को हरी झंडी दिखाई। ज्यादातर योजनाएं भवन निर्माण, सड़क निर्माण और जल संसाधन जैसे विभागों से जुड़ी हैं। इन विभागों में ग्लोबल टेंडर और ठेकेदारी के माध्यम से मंत्रियों को 30% तक कमीशन मिलता है। तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर लगाए आरोप
  • 𝐍𝐃𝐀 की बिहार सरकार में संस्थागत भ्रष्टाचार और संगठित लूट के कारण राज्य में वित्तीय अराजकता फैली हुई है। एक भ्रष्टाचारी गिरोह बिहार को संचालित कर रहा है।
  • इस सरकार ने आनन-फानन में विगत 𝟕 कैबिनेट बैठकों में 𝟕𝟔 हजार 𝟔𝟐𝟐 करोड़ रुपए की योजनाओं की स्वीकृति दी है। इनमें से अधिकांश योजनाएं केवल निर्माण से संबंधित है जैसे भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग और अन्य ऐसे विभागों से सम्बंधित हैं जहां ग्लोबल टेंडर और ठेकेदारी के माध्यम से मंत्रियों को 𝟑𝟎% तक कमीशन मिलता है।
  • ये भ्रष्ट सरकार चुनावी वर्ष में निर्माण संबंधित योजनाओं में तत्काल टेंडर निकाल और तत्काल कमीशन प्राप्त कर चुनावी खर्च निकाल रही है।
  • बिना सोचे समझे निर्माण करना और ढांचा खड़ा कर प्रदेश के खजाने का धन लूटना ही इस सरकार का उद्देश्य रह गया है। इनके लोग कह रहे है कि दुबारा तो सरकार में आना है नहीं इसलिए बचे समय में जल्द से जल्द टेंडर निकालो और लूट मचाओ।
  • वित्तीय वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟓-𝟐𝟔 का बजट साइज 𝟑 लाख 𝟏𝟕 हजार करोड़ रखा गया है जो विगत वित्तीय वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟒-𝟐𝟓 के बजट की तुलना में 𝟑𝟖 हजार करोड़ ज्यादा है।
  • 𝟑 लाख 𝟏𝟕 हजार करोड़ के बजट में योजना व्यय (𝐒𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐄𝐱𝐩𝐞𝐧𝐝𝐢𝐭𝐮𝐫𝐞) के लिए सिर्फ 𝟏 लाख 𝟏𝟔 हजार करोड़ रुपए 𝐬𝐚𝐧𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐞𝐝 हैं, जबकि पिछले तीन महीने में ही कैबिनेट के द्वारा चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए 𝟕𝟔 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं की घोषणा की जा चुकी है।
  • सरकार बताए कि इस वित्तीय वर्ष के बजट के योजना मद में जो 𝟏 लाख 𝟏𝟔 हजार करोड़ रुपए का जो प्रावधान किया गया है क्या उसमें विगत वित्तीय वर्ष की 𝐎𝐧-𝐠𝐨𝐢𝐧𝐠 योजनाओं की राशि सम्मिलित नहीं है? अगर है तो फिर नई योजनाओं के लिए राशि कहां से लाएंगे?
  • इस सरकार के कुल बजट का 𝟖-𝟗% प्रतिशत केवल सूद देने में ही जा रहा है। यानि आप समझिए कि सालाना 𝟐𝟓 हजार करोड़ से लेकर 𝟑𝟎 हजार करोड़ तो सरकार द्वारा लिए गए कर्ज का ब्याज चुकता करने में ही चला जाता है।
  • वित्तीय वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟓-𝟐𝟔 में 𝐓𝐨𝐭𝐚𝐥 𝐃𝐞𝐛𝐭 𝐋𝐢𝐚𝐛𝐢𝐥𝐢𝐭𝐲 (कुल कर्ज) 𝟒 लाख 𝟔 हजार करोड़ संभावित है, जो 𝐆𝐒𝐃𝐏 (𝐆𝐫𝐨𝐬𝐬 𝐒𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐃𝐨𝐦𝐞𝐬𝐭𝐢𝐜 𝐏𝐫𝐨𝐝𝐮𝐜𝐭- सकल राज्य घरेलू उत्पाद) का 𝟑𝟕% है।
  • कहां से इन योजनाओं के लिए राशि लाएंगे? केंद्र से कोई विशेष मदद मिल नहीं रही है?
  • बिहार में 𝐈𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐫𝐮𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐂𝐨𝐫𝐫𝐮𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧 और 𝐑𝐞𝐭𝐚𝐢𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐫𝐮𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧 सभी रिकॉर्ड तोड़ चुका है। जनता ऊपर से लेकर नीचे तक अनियंत्रित भ्रष्टाचार, रिश्वतख़ोरी, घुसघोरी और दलाली से त्रस्त है।
  • बिहार में 𝐈𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐫𝐮𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐂𝐨𝐫𝐫𝐮𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧 और 𝐑𝐞𝐭𝐚𝐢𝐥 𝐂𝐨𝐫𝐫𝐮𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧 सभी रिकॉर्ड तोड़ चुका है। जनता ऊपर से लेकर नीचे तक अनियंत्रित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, घूसघोरी और दलाली से त्रस्त है।
  • बिहार जैसे गरीब राज्य में जनता के पैसे से 𝟐 अरब 𝟐𝟓 करोड़ रुपए में दिल्ली से 𝟔𝟎𝟎 डिजिटल रथ बुलाकर महिला संवाद के नाम पर लुटाए जा रहे है। बताइए 𝟐𝟐𝟓 करोड़ रुपए कितनी बड़ी धनराशि है जिसका प्रयोग ये अपने चुनावी प्रचार में सरकारी खजाने से रथ चलाने में खर्च कर रहे है?
  • संस्थागत और संगठित लूट का आलम यह है कि कुछेक सरकारी भवनों के रख-रखाव और साफ-सफाई पर यह सरकार 𝟔𝟖𝟖 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ऐसे भवनों की साफ-सफाई और रख-रखाव के लिए निजी कंपनियों को इस सरकार ने ठेका क्यों दिया है। इसके लिए सीधी नियुक्ति क्यों नहीं की ताकि इससे हजारों गरीब लोगों को नौकरी मिलती।
  • नल-जल योजना में कितना भ्रष्टाचार हुआ है। क्या सरकार के पास इसका कोई आंकलन है? कौन नहीं जानता कि इस योजना में हजारों-हजार करोड़ की संस्थागत लूट हुई? कितने नलों में जल आ रहा है?
  • बिना सोचे समझे, बिना किसी पहुंच पथ के इस सरकार ने 𝐍𝐃𝐀 के शासनकाल में प्रदेश में 𝟓,𝟎𝟎𝟎 ऐसे पुल-पुलिया बनाए है जिनका कोई उपयोग ही नहीं हो रहा? बताइए उन 𝟓 हजार पुल-पुलिया का हजारों-हजार करोड़ किसने लूटा? बिना A𝐩𝐩𝐫𝐨𝐚𝐜𝐡 रोड के किसने वो पुल-पुलिया बनवाए? क्या यह संगठित लूट नहीं है?
  • फिर उसी प्रकार की लूट के लिए आनन-फानन में 𝟕𝟔,𝟔𝟐𝟐 करोड़ की निर्माण संबंधित परियोजनाओं के निर्णय लिए जा रहे है।
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