2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ तकनीक या सॉफ्टवेयर तक सीमित नहीं, हर तरह के काम करने के तरीके बदल रहा है। खासकर डेटा एंट्री जैसी रिपिटिटिव टास्क वाली जॉब्स में AI का असर सबसे ज्यादा दिख रहा है। कई लोगों को डर है कि AI उनके काम छीन लेगा, लेकिन असल में यह डर जरा एकतरफा है। क्योंकि AI सिर्फ पुरानी नौकरियां खत्म नहीं कर रहा, बल्कि नई नौकरियों और अवसरों के दरवाजे भी खोल रहा है।
वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक, AI और ऑटोमेशन की वजह से करीब 85 मिलियन (8.5 करोड़) नौकरियां खत्म हो सकती हैं। लेकिन इसी दौरान करीब 97 मिलियन (9.7 करोड़) नई नौकरियां भी पैदा होंगी।
क्या AI के कारण खत्म हो जाएगी डेटा एंट्री ऑपरेटर की जरूरत?AI और ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी जैसे OCR (ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन), RPA (रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन) और चैटबॉट्स अब मिनटों में वही काम कर सकते हैं जिनमें पहले घंटों लगते थे। इसका मतलब यह नहीं कि डेटा एंट्री ऑपरेटर की जरूरत पूरी तरह खत्म हो जाएगी। लेकिन हां, अब उन्हें स्मार्ट टूल्स के साथ काम करना, सिस्टम मॉनिटर करना, एरर सुधारना और डेटा एनालिसिस करना सीखना होगा।
AI के साथ काम, मुकाबला नहींआज के वर्कप्लेस में बजाय AI से टकराने के, इसे सहयोगी मानना ज्यादा फायदेमंद है। Microsoft Copilot, ChatGPT और Notion AI जैसे टूल्स प्रोफेशनल्स को ईमेल लिखने, डेटा एनालिसिस और रिपोर्ट बनाने में मदद कर रहे हैं। फोर्ब्स की रिपोर्ट बताती है कि लगभग 80% कर्मचारी जिनके पास AI टूल्स थे, उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ी है।
अपस्किलिंग जरूरी हैतकनीक इतनी तेजी से बदल रही है कि सीखना सिर्फ विकल्प नहीं, जरूरत बन गया है। Amazon, Google जैसी बड़ी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को नई स्किल्स सिखाने में अरबों डॉलर निवेश कर रही हैं। सही स्किल्स सीखकर और AI के साथ काम करके आप अपने करियर को सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। इसकी शुरुआत करें NBT Upskill AI करियर ग्रोथ वर्कशॉप के साथ। रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर्सडेटा एंट्री के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग और एडमिनिस्ट्रेटिव रोल्स भी AI की चपेट में हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जिन इंडस्ट्रीज में AI का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, वहां कर्मचारियों की परफॉर्मेंस और कमाई में तीन गुना तक बढ़ोतरी देखी जा रही है। डेटा साइंस, डिजिटल मार्केटिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और AI एथिक्स जैसी फील्ड्स में मांग तेजी से बढ़ रही है। AI ट्रेनर, एल्गोरिद्म ऑडिटर और डेटा लेबलर जैसी नई भूमिकाओं के लिए बुनियादी AI नॉलेज और टेक्निकल स्किल्स जरूरी हो गए हैं।
वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक, AI और ऑटोमेशन की वजह से करीब 85 मिलियन (8.5 करोड़) नौकरियां खत्म हो सकती हैं। लेकिन इसी दौरान करीब 97 मिलियन (9.7 करोड़) नई नौकरियां भी पैदा होंगी।
क्या AI के कारण खत्म हो जाएगी डेटा एंट्री ऑपरेटर की जरूरत?AI और ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी जैसे OCR (ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन), RPA (रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन) और चैटबॉट्स अब मिनटों में वही काम कर सकते हैं जिनमें पहले घंटों लगते थे। इसका मतलब यह नहीं कि डेटा एंट्री ऑपरेटर की जरूरत पूरी तरह खत्म हो जाएगी। लेकिन हां, अब उन्हें स्मार्ट टूल्स के साथ काम करना, सिस्टम मॉनिटर करना, एरर सुधारना और डेटा एनालिसिस करना सीखना होगा।
AI के साथ काम, मुकाबला नहींआज के वर्कप्लेस में बजाय AI से टकराने के, इसे सहयोगी मानना ज्यादा फायदेमंद है। Microsoft Copilot, ChatGPT और Notion AI जैसे टूल्स प्रोफेशनल्स को ईमेल लिखने, डेटा एनालिसिस और रिपोर्ट बनाने में मदद कर रहे हैं। फोर्ब्स की रिपोर्ट बताती है कि लगभग 80% कर्मचारी जिनके पास AI टूल्स थे, उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ी है।
अपस्किलिंग जरूरी हैतकनीक इतनी तेजी से बदल रही है कि सीखना सिर्फ विकल्प नहीं, जरूरत बन गया है। Amazon, Google जैसी बड़ी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को नई स्किल्स सिखाने में अरबों डॉलर निवेश कर रही हैं। सही स्किल्स सीखकर और AI के साथ काम करके आप अपने करियर को सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। इसकी शुरुआत करें NBT Upskill AI करियर ग्रोथ वर्कशॉप के साथ। रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर्सडेटा एंट्री के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग और एडमिनिस्ट्रेटिव रोल्स भी AI की चपेट में हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जिन इंडस्ट्रीज में AI का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, वहां कर्मचारियों की परफॉर्मेंस और कमाई में तीन गुना तक बढ़ोतरी देखी जा रही है। डेटा साइंस, डिजिटल मार्केटिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और AI एथिक्स जैसी फील्ड्स में मांग तेजी से बढ़ रही है। AI ट्रेनर, एल्गोरिद्म ऑडिटर और डेटा लेबलर जैसी नई भूमिकाओं के लिए बुनियादी AI नॉलेज और टेक्निकल स्किल्स जरूरी हो गए हैं।
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