सौरभ यादव, नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में अब एक बार फिर स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू किया जा रहा है। हालांकि, इस बार अभियान छुटि्टयों के दौरान चलाया जाएगा। इससे स्कूलों को बचाव का बहाना नहीं मिल पाएगा। परिवहन विभाग अनफिट स्कूली वाहनों को सड़क से हटाने के लिए अभियान चलाएगा। स्कूलों से सभी वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र लिया जाएगा। इसी आधार पर छुट्टी के वाहनों को सड़क पर उतारने की अनुमति होगी।
नौनिहालों की जान खतरे में डालने वाली स्कूल बसों और वैन के खिलाफ परिवहन विभाग स्पेशल अभियान चलाने जा रहा है। शासन के निर्देश पर गर्मी की छुट्टियों में टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बसें अनफिट होने पर अब स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी तय होगी। स्कूल प्रशासन को तय करना होगा कि जिस बस में बच्चे सफर करेंगे, वे एकदम फिट हों। इसके लिए स्कूल प्रबंधन को प्रमाणपत्र देना होगा।
46 बसें हैं अनफिटजिले में कुल 1946 स्कूल बसें रजिस्टर्ड हैं। इसमें से 46 अनफिट हैं। इसके बावजूद बच्चों को लेकर आती-जाती हैं। 125 बसें बिना परमिट के फर्राटा भर रही हैं और 275 की समय सीमा पूरी हो चुकी है। फिर भी चोरी-छिपे इनका संचालन हो रहा है। विभाग ने इन बसों को ब्लैकलिस्टेड किया हुआ है। अब अभियान चलाकर इन पर कार्रवाई होगी।
क्या कहते हैं एआरटीओ?एआरटीओ सियाराम वर्मा ने बताया कि बच्चों की जिंदगी से कोई समझौता न हो, इसे सुनिश्चित करते हुए प्रवर्तन की टीमें लगाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि जिन 275 स्कूल वाहनों की मियाद पूरी हो चुकी है, उनमें 221 बसें और 54 कैब हैं। इन्हें स्क्रैप करने के लिए नोटिस भेजा गया था, लेकिन फिर भी संचालन किया जा रहा है।
नौनिहालों की जान खतरे में डालने वाली स्कूल बसों और वैन के खिलाफ परिवहन विभाग स्पेशल अभियान चलाने जा रहा है। शासन के निर्देश पर गर्मी की छुट्टियों में टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बसें अनफिट होने पर अब स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी तय होगी। स्कूल प्रशासन को तय करना होगा कि जिस बस में बच्चे सफर करेंगे, वे एकदम फिट हों। इसके लिए स्कूल प्रबंधन को प्रमाणपत्र देना होगा।
46 बसें हैं अनफिटजिले में कुल 1946 स्कूल बसें रजिस्टर्ड हैं। इसमें से 46 अनफिट हैं। इसके बावजूद बच्चों को लेकर आती-जाती हैं। 125 बसें बिना परमिट के फर्राटा भर रही हैं और 275 की समय सीमा पूरी हो चुकी है। फिर भी चोरी-छिपे इनका संचालन हो रहा है। विभाग ने इन बसों को ब्लैकलिस्टेड किया हुआ है। अब अभियान चलाकर इन पर कार्रवाई होगी।
क्या कहते हैं एआरटीओ?एआरटीओ सियाराम वर्मा ने बताया कि बच्चों की जिंदगी से कोई समझौता न हो, इसे सुनिश्चित करते हुए प्रवर्तन की टीमें लगाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि जिन 275 स्कूल वाहनों की मियाद पूरी हो चुकी है, उनमें 221 बसें और 54 कैब हैं। इन्हें स्क्रैप करने के लिए नोटिस भेजा गया था, लेकिन फिर भी संचालन किया जा रहा है।