जयपुर: राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में अचानक बड़ा फेरबदल हुआ है। आईएएस सुधांश पंत के केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव के तौर पर तबादले के बाद, प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित पद मुख्य सचिव (Chief Secretary) की कुर्सी खाली हो गई है। पंत ने 1 जनवरी, 2024 को यह जिम्मेदारी संभाली थी और नवंबर 2025 में ही उनकी विदाई हो गई, जिसके बाद अब मुख्यमंत्री के लिए विश्वसनीयता और प्रशासनिक दक्षता के आधार पर नए CS का चयन करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
सीएस पद के लिए टॉप 3 दावेदारों पर निगाहेंखाली हुए इस शीर्ष पद को भरने के लिए प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में अटकलें तेज हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार ऐसे अधिकारी को वरीयता देगी जिसका सेवाकाल लंबा हो और जिसका प्रशासनिक अनुभव ठोस हो। इस लिहाज से तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम सबसे आगे चल रहे हैं।
'अनुभव भारी, पर सेवाकाल छोटा'वरिष्ठता क्रम में कुछ अन्य अधिकारी भी हैं, लेकिन उनका सेवाकाल कम होने के कारण उनका दावा कमजोर हो सकता है। इनमें आईएएस शुभ्रा सिंह (जनवरी 2026 में रिटायर) और सुबोध अग्रवाल (दिसंबर 2025 में रिटायर) शामिल हैं। इसके अलावा, एसीएस अपर्णा अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रजत मिश्र और तन्मय कुमार पहले से ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नए मुख्य सचिव का चुनाव सिर्फ वरिष्ठता पर नहीं, बल्कि सरकार के आर्थिक और प्रशासनिक एजेंडे को लागू करने की क्षमता पर निर्भर करेगा। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री किसकी प्रशासनिक क्षमता पर भरोसा जताते हुए प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी की कमान सौंपते हैं।
सीएस पद के लिए टॉप 3 दावेदारों पर निगाहेंखाली हुए इस शीर्ष पद को भरने के लिए प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में अटकलें तेज हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार ऐसे अधिकारी को वरीयता देगी जिसका सेवाकाल लंबा हो और जिसका प्रशासनिक अनुभव ठोस हो। इस लिहाज से तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम सबसे आगे चल रहे हैं।
- एसीएस अभय कुमार
- एसीएस अखिल अरोरा
- एसीएस शिखर अग्रवाल
'अनुभव भारी, पर सेवाकाल छोटा'वरिष्ठता क्रम में कुछ अन्य अधिकारी भी हैं, लेकिन उनका सेवाकाल कम होने के कारण उनका दावा कमजोर हो सकता है। इनमें आईएएस शुभ्रा सिंह (जनवरी 2026 में रिटायर) और सुबोध अग्रवाल (दिसंबर 2025 में रिटायर) शामिल हैं। इसके अलावा, एसीएस अपर्णा अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रजत मिश्र और तन्मय कुमार पहले से ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नए मुख्य सचिव का चुनाव सिर्फ वरिष्ठता पर नहीं, बल्कि सरकार के आर्थिक और प्रशासनिक एजेंडे को लागू करने की क्षमता पर निर्भर करेगा। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री किसकी प्रशासनिक क्षमता पर भरोसा जताते हुए प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी की कमान सौंपते हैं।
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