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गाजियाबाद: घेवर पर चढ़ा सिल्वर फॉयल भी खतरनाक, त्योहारी मौसम में ऐसे करें मिलावटी मिठाइयों की पहचान

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गाजियाबाद: अगस्त में जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहे हैं, बाजार में मिठाइयों की बिक्री तेज हो गई है। पकवानों की खुशबू बाजार से लेकर रसोई घर से आनी शुरू हो गई है। इस मौके पर घेवर, रंगीन बर्फी, लड्डू, रसगुल्ला, और खासकर छेने से बनी मिठाइयों की भारी मांग होती है। लेकिन त्योहार की इस मिठास में कहीं मिलावट का जहर न घुल जाए, इसके लिए गाजियाबाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने लोगों को सतर्क किया है।



विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 35 से अधिक शिकायतें मिठाइयों की गुणवत्ता को लेकर आ चुकी हैं, जिनमें रंगीन मिठाइयों और घेवर में मिलावट को देखते हुए सैंपल भी कलेक्ट किए हैं। त्योहारों पर मिलावटी पदार्थों को देखते हुए विभाग ने खासतौर पर घेवर, चमकीली मिठाइयों और खुले में बिक रहे मिठाई उत्पादों से सतर्क रहने की सलाह दी है। वहीं इसे तुरंत कैसे चेक करें इसके बारे में भी जागरूक किया है।



किस-किस पदार्थ में मिलावट की शिकायतखाद्य सुरक्षा विभाग ने बताया कि इस समय घेवर सबसे अधिक डिमांड में होता है। इसमें मिलावट देखी जाती है। कई बार ये फ्रेश नहीं होता और इसकी बिक्री हो जाती है जिसे खाने से पेट संबंधित शिकायतें पनपती हैं। रंगीन मिठाइयों में सबसे अधिक मिलावट होती है। वहीं जो सिल्वर फॉयल युक्त पदार्थ होते हैं उसमें भी मिलावट देखी जाती है। इसमें एल्युमिनियम फॉयल यूज़ किया जाता है। जो सेहत के लिए हानिकारक होता है।



ऐसे करें पहचान
  • घेवर : असली घेवर की सतह पर सफेदी या ज्यादा चमक नहीं होती। यदि घेवर बहुत अधिक सफेद या रबड़ जैसा लगे तो वह सिंथेटिक दूध या मिलावटी घी से बना हो सकता है।
  • रंगीन मिठाइयां: अधिक चटक रंग वाली मिठाई से बचें। सिंथेटिक रंग से बनी मिठाइयां सेहत के लिए हानिकारक होती हैं। मिठाई को हाथ से छूने पर यदि रंग उंगली पर चढ़ जाए तो वह नकली रंग हो सकता है।
  • छेना और रसगुल्ला : यदि रसगुल्ला या छेना मिठाई दबाने पर टूट जाए या उसमें खट्टापन हो, तो उसमें मिलावट संभव है।
  • सिल्वर चढ़ी मिठाई- जिन मिठाइयों पर या घेवर पर सिल्वर फॉयल लगाकर बिक्री हो रही हो इसे जरूर चेक करना चाहिए। थोड़ा सा सिल्वर फॉयल लेकर इसे हाथ की त्वचा पर रगड़ें यदि इसकी गोलियां बन जाए तो यह अल्युमिनियम फॉयल होती है जो कि शरीर के लिए हानिकारक होती है और यदि यह पूरी तरीके से त्वचा पर फैल जाए और धीरे-धीरे मलते मलते खत्म हो जाए तो यह असली सिल्वर फॉयल है।


दूध मावे की भी करें पहचानखाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बताया कि मावे की जांच के लिए सैंपल लेकर टेस्‍ट ट्यूब में भरें और उसमें 20 एमएल पानी डालकर उबालें। ठंडा होने पर इसमें दो बूंद आयोडीन डालें। अगर सैंपल का रंग नीला हो जाए तो इसमें स्‍टार्च मिला हुआ है। साथ ही दूध में पानी की मिलावट को परखने के लिए किसी चिकनी सतह पर दूध की कुछ बूंदें गिराएं। अगर यह बूंदें बगैर निशान छोड़े तेजी से आगे बह जाए, तो इसमें पानी मिला हुआ है। वहीं दूध अगर शुद्ध होगा तो वह धीरे-धीरे बहेगा और सफेद धब्बा छोड़ जाएगा।



ऐसे करें शिकायतखाद्य सुरक्षा विभाग ने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी मिठाई या खाद्य उत्पाद को लेकर शक है तो वे हेल्पलाइन नंबर 18001805333 पर संपर्क करें या शिकायत दर्ज करें। इसके अलावा उपभोक्त खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया और दुकानों पर लगाया गया क्यूआर कोड स्कैन कर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं, जिसमें संदिग्ध मिठाई की फोटो अपलोड करना अनिवार्य है।

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