सिंगरौली: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में पदस्थ सब इंजीनियर शिवानी गर्ग ने बड़ा कांड किया है। मुख्यमंत्री ऑफिस के नाम पर फर्जी प्रमोशन लेटर निकलवा लिया। मामले में खुलासा होने के बाद बैढ़न कोतवाली पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार के आरोप में गंभीर मामला दर्ज किया है। पुलिस ने उन पर धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराओं में FIR की है। प्रमोशन वाले इस लेटर पर सिर्फ डेढ़ लाइन लिखा था।
सिंगरौली नगर निगम में सब इंजीनियर है शिवानी गर्गदरअसल, शिवानी गर्ग सिंगरौली नगर निगम में सब इंजीनियर के पद पर कार्यरत थीं। 21 अगस्त 2025 को उन्होंने एक प्रमोशन आदेश प्रस्तुत किया, जिसमें दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय, भोपाल से उन्हें सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नत कर दिया गया है। शिवानी ने यह “आदेश” नगर निगम में जमा करते हुए अपने लिए कार्यभार दिए जाने की मांग भी की।
कमिश्नर के पास फर्जी लेटर लेकर पहुंचीसिंगरौली नगर निगम कमिश्नर सविता प्रधान को आदेश की सत्यता पर संदेह हुआ। कमिश्नर सविता प्रधान ने नवभारत टाइम्स.कॉम से फोन पर बात करते हुए कहा कि उन्होंने सीएम ऑफिस का एक लेटर लाकर दिया। उसमें उनका पदोन्नति आदेश था। उस आदेश के साथ उन्होंने ज्वाइनिंग ली। लेटर देखने के बाद मुझे लगा कि यह बिल्कुल फर्जी है। पत्र में भाषा शैली भी अलग थी। साथ ही प्रमोशन के लिए यह प्रक्रिया भी नहीं है। मैंने शासन से इसकी जांच करवाई। जांच में पता चला कि यह कूटचरित दस्तावेज था। इसके बाद एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
12 सितंबर को जांच के लिए भेजा गया मामलागौरतलब है कि इसके बाद 12 सितंबर को उन्होंने भोपाल के नगरीय प्रशासन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर प्रमोशन आदेश की जांच कराई। जांच में 4 नवंबर 2025 को साफ हुआ कि शिवानी गर्ग का कोई प्रमोशन जारी नहीं हुआ है और प्रस्तुत दस्तावेज पूरी तरह से फर्जी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि संबंधित आदेश न तो जारी किया गया और न ही किसी प्रकार से प्रमाणित है। इसके बाद कमिश्नर ने बैढ़न कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई।
सीएसपी पीएस परस्ते ने कहा कि फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि कथित तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय का फर्जी आदेश कैसे तैयार हुआ और इस प्रक्रिया में और कौन-कौन शामिल हो सकता है सब की पतासाजी की जाएगी। नगर निगम के सूत्रों के अनुसार जब प्रमोशन लेटर संदिग्ध पाया गया, तब कमिश्नर ने शिवानी को आवास योजना अनुभाग में अटैच कर दिया था। इसके तुरंत बाद वह एक महीने की छुट्टी लेकर गायब हो गईं। मूल रूप से रीवा निवासी शिवानी गर्ग की शादी कुछ ही महीने पहले हुई है। इस मामले पर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
You may also like

खोल रखीˈ थी पान की दुकान, चल रहा था गजब का खेल, पुलिस जब मौके पर पहुंची, उड़ गए होश﹒

भारत कीˈ 5 ऐसी जेल जहां जाने के लिए आपको अपराध नहीं करना पड़ेगा﹒

भारत मेंˈ यहां सिंदूर नहीं लगा सकती सुहागिन महिला कुर्सी पर बैठना भी है मना जानें क्या है वजह?﹒

विदेश में UG-PG करना है? भारत से 6000 KM दूर ये छोटा सा देश रहेगा बेस्ट, वजह भी जान लें

घुटनों कीˈ ग्रीस बढ़ा देगी 10 रुपये की ये चीज, 1-2 बार लेने से ही दूर हो जाएगा जोड़ों का दर्द, आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कमाल का देसी नुस्खा…﹒




