अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा 2027 से पहले समाजवादी पार्टी पूरी तरह से एक्टिव हो गई है। समाजवादी पार्टी वोटर लिस्ट से कटे नामों को लेकर आवाज उठा रही है। इसी क्रम में सपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को शिकायत की है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने बताया कि सपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को ई-मेल के जरिये यूपी के अलग-अलग जिलों के वोटरों के वोट कटने की फिर से शपथपत्र के साथ शिकायत की गई है। उन्होंने बताया कि बीते यूपी विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा शिकायतें यादव, मुस्लिम, ओबीसी और दलित समाज के लोगों के वोट काटे जाने की थी।
सपा प्रवक्ता फखरुल ने बताया कि रायबरेली, अमेठी और बलिया समेत 12 से 13 जिलों में वोट कटने का मामला सामने आ है। ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर हमने अपने संगठन को लगा दिया है।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि हमने कानूनी तरीके से शपथपत्र के जरिए चुनाव आयोग से शिकायत की है। यूपी विधानसभा चुनाव के समय सबसे ज्यादा यही शिकायत थी कि लोगों के वोट काटे गए हैं। इसमें यादव, मुस्लिम, ओबीसी और दलित समाज के लोग थे। इन वर्ग के लोग जब वोट डालने गए तो पता चला कि उनका वोट ही नहीं है। इसकी शिकायत पार्टी को मिली थी।
फखरुल हसन चांद ने कहा कि जब संगठन ने इसका क्रॉस चेक किया तो शिकायत सही मिली है। वो लोग पहले वोट डाल रहे थे लेकिन विधानसभा चुनाव के समय वोट काट दिया गया था। उन्होंने कहा कि हम लोग शिकायत कर रहे हैं। सिद्धार्थनगर वाले मामले में शिकायत के बाद कार्रवाई हो चुकी है। सपा प्रवक्ता ने बताया कि विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनाव की लिस्ट अलग-अलग है। इसलिए अभी विधानसभा चुनाव की लिस्ट से कटे वोटरों के नामों की शिकायत कर रहे हैं।
वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी रविवार को अपने एक बयान में यह भी कहा कि निष्पक्ष चुनाव करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है लेकिन इधर हम सब ने देखा है कि लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा चुनाव हो या अन्य चुनाव, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उंगली उठी है।
चुनाव आयोग के फैसलों और चुनाव आयोग के काम करने के तरीकों से लोग संतुष्ट नहीं है। लोगों में अविश्वास पैदा हुआ है। चुनाव आयोग पर कई बार उंगलियां उठी हैं। उत्तर प्रदेश के भी चुनाव में उंगली उठी। अभी जो कुछ वोट बचाने के लिए हुआ वह पहला चरण है। लेकिन प्रशासन जिस तरह का काम करता है और सरकार जिस तरह से काम करती है उस पर चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता है।
अखिलेश यादव ने बताया कि समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को डिलीट किए गए 18,000 वोटरों के नाम शपथ पत्र के साथ दिया था, लेकिन अभी तक चुनाव आयोग ने एक भी अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। अगर चुनाव आयोग कार्रवाई कर दे तो कहीं भी चोरी या वोट डकैती नहीं होगी।
सपा मुखिया ने कहा कि वोटिंग मशीन को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते हैं। कई बार लोग मशीन में वोट डाल कर आते हैं लेकिन पता चलता है वोट जीरो निकला। यह भी खबरें आती है की ईवीएम में पहले से ही वोट पड़ा है। इतने दिनों रखने के बाद भी ईवीएम की बैटरी कैसे पूरी चार्ज रहती है इस पर भी सवाल उठता है। इसीलिए बैलेट वोटिंग की मांग होती है।
सपा प्रवक्ता फखरुल ने बताया कि रायबरेली, अमेठी और बलिया समेत 12 से 13 जिलों में वोट कटने का मामला सामने आ है। ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर हमने अपने संगठन को लगा दिया है।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि हमने कानूनी तरीके से शपथपत्र के जरिए चुनाव आयोग से शिकायत की है। यूपी विधानसभा चुनाव के समय सबसे ज्यादा यही शिकायत थी कि लोगों के वोट काटे गए हैं। इसमें यादव, मुस्लिम, ओबीसी और दलित समाज के लोग थे। इन वर्ग के लोग जब वोट डालने गए तो पता चला कि उनका वोट ही नहीं है। इसकी शिकायत पार्टी को मिली थी।
फखरुल हसन चांद ने कहा कि जब संगठन ने इसका क्रॉस चेक किया तो शिकायत सही मिली है। वो लोग पहले वोट डाल रहे थे लेकिन विधानसभा चुनाव के समय वोट काट दिया गया था। उन्होंने कहा कि हम लोग शिकायत कर रहे हैं। सिद्धार्थनगर वाले मामले में शिकायत के बाद कार्रवाई हो चुकी है। सपा प्रवक्ता ने बताया कि विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनाव की लिस्ट अलग-अलग है। इसलिए अभी विधानसभा चुनाव की लिस्ट से कटे वोटरों के नामों की शिकायत कर रहे हैं।
वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी रविवार को अपने एक बयान में यह भी कहा कि निष्पक्ष चुनाव करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है लेकिन इधर हम सब ने देखा है कि लोकसभा चुनाव हो, विधानसभा चुनाव हो या अन्य चुनाव, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उंगली उठी है।
चुनाव आयोग के फैसलों और चुनाव आयोग के काम करने के तरीकों से लोग संतुष्ट नहीं है। लोगों में अविश्वास पैदा हुआ है। चुनाव आयोग पर कई बार उंगलियां उठी हैं। उत्तर प्रदेश के भी चुनाव में उंगली उठी। अभी जो कुछ वोट बचाने के लिए हुआ वह पहला चरण है। लेकिन प्रशासन जिस तरह का काम करता है और सरकार जिस तरह से काम करती है उस पर चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता है।
अखिलेश यादव ने बताया कि समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को डिलीट किए गए 18,000 वोटरों के नाम शपथ पत्र के साथ दिया था, लेकिन अभी तक चुनाव आयोग ने एक भी अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। अगर चुनाव आयोग कार्रवाई कर दे तो कहीं भी चोरी या वोट डकैती नहीं होगी।
सपा मुखिया ने कहा कि वोटिंग मशीन को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते हैं। कई बार लोग मशीन में वोट डाल कर आते हैं लेकिन पता चलता है वोट जीरो निकला। यह भी खबरें आती है की ईवीएम में पहले से ही वोट पड़ा है। इतने दिनों रखने के बाद भी ईवीएम की बैटरी कैसे पूरी चार्ज रहती है इस पर भी सवाल उठता है। इसीलिए बैलेट वोटिंग की मांग होती है।
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