इस्लामाबाद: पाकिस्तान और भारत के बीच बीते महीने हुई सैन्य झड़प के बाद से नूर खान एयरबेस लगातार चर्चा में है। इसकी वजह ये है कि भारत ने रावलपिंडी शहर स्थित पाकिस्तानी सेना के इस ठिकाने पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमला किया था। भारत के हमले में इस एयरबेस का काफी ज्यादा नुकसान हुआ। इस एयरबेस के बारे में पाकिस्तान के एक सुरक्षा विशेषज्ञ इम्तियाज गुल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। गुल का दावा है कि नूर खान एयरबेस पाकिस्तानी नहीं बल्कि अमेरिकी सेना का ठिकाना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में इम्तियाज गुल ने दावा किया है कि पाकिस्तान वायु सेना (PAF) का नूर खान एयरबेस कथित तौर पर अमेरिका के नियंत्रण में है। गुल का दावा है कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भी एयरबेस में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। इससे पाकिस्तान की संप्रभुता पर सवाल उठ रहे हैं और देश के लोगों की अपनी जमीन पर विदेशी प्रभाव और पारदर्शिता की कमी पर चिंताएं बढ़ गई हैं।
अमेरिका चला रहा है पाक का एयरबेस!गुल के दावे के अनुसार, पाकिस्तान सेना के अधिकारियों को एयरबेस पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसे अमेरिकी सेना क्षेत्र में अपने प्रभाव और सैन्य अभियानों के लिए अपने नियंत्रण में रखे हुए है। गुल ने कहा है अमेरिकी विमानों को बार-बार नूर खान एयरबेस पर देखा गया है, लेकिन उनके कार्गो के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। यानी ये साफ नहीं है कि ये विमान क्या ले आ रहे हैं और क्या ले जा रहे हैं।
गुल के दावों से पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर एक हलचल देखी जा रही है। इसकी वजह इसका राजधानी इस्लामाबाद से कुछ ही किमी दूर रावलपिंडी में होना है। यह पाकिस्तानी आर्मी के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण सुविधा है। यह पाकिस्तान सेना के जनरल हेडक्वार्टर और सामरिक योजना प्रभाग के एकदम करीब है। यह प्रभाग पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की देखरेख के लिए जिम्मेदार है।
नूर खान एयरबेस की अहमियतनूर खान एयरबेस पाक एयरफोर्स के हवाई गतिशीलता संचालन (एरियल मॉबिलिटी ऑपरेशन) के लिए कमांड सेंटर के रूप में काम करता है। यहां C-130 हरक्यूलिस और IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलर जैसे महत्वपूर्ण परिवहन स्क्वाड्रन हैं। ये स्क्वाड्रन लॉजिस्टिकल और रणनीतिक एयरलिफ्ट क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। एयरबेस में बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, विमानन कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए PAF कॉलेज चकलाल और फजिया इंटर कॉलेज भी है। साफ है कि अगर यहां किसी दूसरे देश की सेना की मौजूदगी है तो ये पाकिस्तान के लिए बेहद चिंताजनक हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में इम्तियाज गुल ने दावा किया है कि पाकिस्तान वायु सेना (PAF) का नूर खान एयरबेस कथित तौर पर अमेरिका के नियंत्रण में है। गुल का दावा है कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भी एयरबेस में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। इससे पाकिस्तान की संप्रभुता पर सवाल उठ रहे हैं और देश के लोगों की अपनी जमीन पर विदेशी प्रभाव और पारदर्शिता की कमी पर चिंताएं बढ़ गई हैं।
अमेरिका चला रहा है पाक का एयरबेस!गुल के दावे के अनुसार, पाकिस्तान सेना के अधिकारियों को एयरबेस पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसे अमेरिकी सेना क्षेत्र में अपने प्रभाव और सैन्य अभियानों के लिए अपने नियंत्रण में रखे हुए है। गुल ने कहा है अमेरिकी विमानों को बार-बार नूर खान एयरबेस पर देखा गया है, लेकिन उनके कार्गो के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। यानी ये साफ नहीं है कि ये विमान क्या ले आ रहे हैं और क्या ले जा रहे हैं।
गुल के दावों से पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर एक हलचल देखी जा रही है। इसकी वजह इसका राजधानी इस्लामाबाद से कुछ ही किमी दूर रावलपिंडी में होना है। यह पाकिस्तानी आर्मी के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण सुविधा है। यह पाकिस्तान सेना के जनरल हेडक्वार्टर और सामरिक योजना प्रभाग के एकदम करीब है। यह प्रभाग पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की देखरेख के लिए जिम्मेदार है।
नूर खान एयरबेस की अहमियतनूर खान एयरबेस पाक एयरफोर्स के हवाई गतिशीलता संचालन (एरियल मॉबिलिटी ऑपरेशन) के लिए कमांड सेंटर के रूप में काम करता है। यहां C-130 हरक्यूलिस और IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलर जैसे महत्वपूर्ण परिवहन स्क्वाड्रन हैं। ये स्क्वाड्रन लॉजिस्टिकल और रणनीतिक एयरलिफ्ट क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। एयरबेस में बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, विमानन कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए PAF कॉलेज चकलाल और फजिया इंटर कॉलेज भी है। साफ है कि अगर यहां किसी दूसरे देश की सेना की मौजूदगी है तो ये पाकिस्तान के लिए बेहद चिंताजनक हो सकता है।
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