महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सतारा में हुए महिला डॉक्टर सुसाइड केस में बीजेपी के पूर्व सांसद रंजीतसिंह नाइक निंबालकर और राकांपा विधायक सचिन पाटिल के नामों को घसीटे जाने को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। सीएम ने कहा कि इस मामले में सच्चाई सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि वे मृतक डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सीएम फडणवीस ने फलटण रैली को किया संबोधित
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने फलटण में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “कुछ दिन पहले, हमारी छोटी बहन का दुर्भाग्यपूर्ण निधन हो गया। उसने अपनी जान दे दी। उसने अपनी हथेली पर इस चरम कदम का कारण लिखा था। पुलिस ने तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सच्चाई सामने आ रही है। हम अपनी बहन को न्याय दिलाने तक रुकेंगे नहीं।" इस रैली में फडणवीस की उपस्थिति को लेकर कुछ सवाल उठाए जा रहे थे, क्योंकि आत्महत्या के मामले में पुलिस की कथित संलिप्तता और राजनीतिक दबाव के आरोप भी लगे थे।
'मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश'
इस रैली में नाइक निंबालकर ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई क्योंकि बहुत से लोग नहीं चाहते थे कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में आएं। उन्होंने आगे कहा कि उन लोगों को जो कहना है, कहने दें। उन्होंने आगे कहा कि जब तक मेरा मन और आत्मा साफ है, तब तक में डरूंगा नहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का फलटण आना एक विशेष संदेश देता है। सीएम ने आगे कहा, "हाल के दिनों में सभी मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। इस मामले में भी ऐसे निंदनीय प्रयास किए गए। अनावश्यक रूप से नाइक निंबालकर और सचिन पाटिल के नामों को इस मामले में घसीटा गया।"
'महाराष्ट्र 'देवा भाऊ' को अच्छी तरह जानता है'
सीएम फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र 'देवा भाऊ' को अच्छी तरह जानता है। उन्होंने आगे कहा अगर मुझे जरा भी संदेह होता तो मैं इस कार्यक्रम में भाग लेने नहीं आता। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों में वे पार्टी, जाति और राजनीति नहीं देखते। उन्होंने कहा कि मैं अपनी छोटी बहनों के मामले में कभी समझौता नहीं करता। उन्होंने आगे कहा कि सचिन पाटिल ने सही कहा है कि इस मामले में राजनीतिक अंक हासिल करने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं कभी भी गलत का समर्थन नहीं करूंगा। नाइक निंबालकर फलटण से ही हैं, जो मधा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और इसमें सोलापुर और सतारा जिलों के विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। वे 2019 से 2024 तक सांसद रहे थे।
डॉक्टर का कॉन्ट्रैक्ट होने वाला था समाप्त
डॉक्टर ने 2023 में मेडिकल ऑफिसर के रूप में फलटण सब-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ज्वाइंन किया था। उनका 11 महीने का दूसरा कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने वाला था। उनके परिवार ने आरोप लगाया था कि उन्हें आपराधिक मामलों में गिरफ्तार अपराधियों की मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट बदलने के लिए राजनेताओं द्वारा उनपर लगातार दबाव डाला जा रहा था। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने अपने वरिष्ठों को चार पन्नों का एक पत्र सौंपा था, जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों के निजी सहायकों द्वारा उन पर दबाव डालने और यहां तक कि ऐसे ही एक प्रतिनिधि से फोन पर बात कराने के प्रयासों की जानकारी दी गई थी। फलटण पुलिस ने भी डॉक्टर के खिलाफ अस्पताल के वरिष्ठ लोगों से पुलिस और चिकित्सा अधिकारियों से जुड़े मामलों में सहयोग न करने की शिकायत दर्ज कराई थी।
'जांच हथेली पर लिखे नोट पर केंद्रित'
सतारा एसपी ने पहले ही कहा है कि उनकी जांच डॉक्टर द्वारा अपनी हथेली पर लिखे गए नोट पर अधिक केंद्रित है। इस मामले में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर और एक टेक-सेवी जो डॉक्टर के मकान मालिक का बेटा है, उसपर पिछले पांच महीनों से उसे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया गया है।
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