नालंदाः बिहार में नालंदा जिले के हरनौत विधानसभा सीट का राजनीतिक सफर कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। यह सीट शुरू में कांग्रेस के प्रभाव में रही, लेकिन समय के साथ स्वतंत्र पार्टी, जनता दल (जेडीयू), समता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) जैसे दलों का प्रभाव बढ़ता चला गया।
1990 के दशक के बाद राजनीतिक समीकरण बदलने लगे
1990 के दशक के बाद समता पार्टी की मजबूत उपस्थिति के कारण हरनौत में राजनीतिक समीकरण बदलने लगे, और यह सीट बिहार में नीतीश कुमार के राजनीतिक उभार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनी।
1977 में स्वतंत्र पार्टी के भोला प्रसाद ने जीत हासिल की
हरनौत विधानसभा क्षेत्र में 1952 से 2000 तक कई राजनीतिक बदलाव देखने को मिले, जहां विभिन्न दलों ने समय-समय पर अपनी पकड़ मजबूत की। 1952 और 1957 के चुनावों में इस सीट का अलग से उल्लेख नहीं मिलता, क्योंकि उस समय बिहार में कई सीटों का पुनर्गठन हो रहा था।
1977 में हरनौत विधानसभा सीट पर स्वतंत्र पार्टी के भोला प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की, जिससे यह संकेत मिला कि इस क्षेत्र में राष्ट्रीय दलों की तुलना में छोटे दलों का प्रभाव बढ़ रहा था। 1980 में स्वतंत्र पार्टी के अरुण कुमार सिंह ने इस सीट पर कब्जा किया, जिससे यह साफ हुआ कि स्वतंत्र पार्टी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए हुए थी।
1985 में नीतीश कुमार को पहली बार मिली जीत
1985 में लोकदल के उम्मीदवार नीतीश कुमार ने हरनौत से जीत हासिल की, जो आगे चलकर बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम बने। 1990 में स्वतंत्र पार्टी के बृजनन्दन यादव ने इस सीट पर जीत दर्ज की, जिससे यह जाहिर हुआ कि क्षेत्रीय राजनीति का प्रभाव अभी भी बना हुआ था।
1995 में नीतीश कुमार को दोबारा मिली जीत
1995 में समता पार्टी के उम्मीदवार नीतीश कुमार ने दोबारा हरनौत से जीत दर्ज की, जो इस बात का संकेत था कि बिहार में समता पार्टी मजबूत हो रही थी। 2000 में समता पार्टी के विश्वमोहन चौधरी ने इस सीट से जीत हासिल की, जिससे यह साफ हुआ कि हरनौत विधानसभा क्षेत्र में समता पार्टी की पकड़ मजबूत बनी हुई थी। 2005 जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के हरिनारायण सिंह ने यह सीट अपने नाम कर रखा है ।
नीतीश कुमार की सीट पर जेडीयू का प्रभाव बरकरार
हरनौत विधानसभा सीट से नीतीश कुमार ने दो बार जीत हासिल की। इसके बाद से समता पार्टी और जेडीयू का प्रभाव यहां बरकरार रहा है। पिछले तीन विधानसभा चुनाव में जेडीयू के हरिनारायण सिंह जीत हासिल कर रहे हैं और अब चौथी बार चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है।
हरनौत विधानसभा चुनाव परिणाम 2010
हरनौत विधानसभा चुनाव परिणाम 2015
हरनौत विधानसभा चुनाव परिणाम 2020
स्वतंत्र पार्टी, लोकदल, समता पार्टी और जेडीयू का प्रभाव
1977 से 2000 तक हरनौत विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र पार्टी, लोकदल और समता पार्टी का प्रभाव देखने को मिला। 1985 में पहली बार नीतीश कुमार की जीत ने इस क्षेत्र को बिहार की राजनीति में खास बना दिया। 1990 के दशक के बाद समता पार्टी की मजबूत उपस्थिति के कारण हरनौत में राजनीतिक समीकरण बदलने लगे, और यह सीट बिहार में नीतीश कुमार के राजनीतिक उभार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनी।
वर्ष 1951 से 2020 तक हरनौत विधानसभा सीट से विजयी उम्मीदवार
1990 के दशक के बाद राजनीतिक समीकरण बदलने लगे
1990 के दशक के बाद समता पार्टी की मजबूत उपस्थिति के कारण हरनौत में राजनीतिक समीकरण बदलने लगे, और यह सीट बिहार में नीतीश कुमार के राजनीतिक उभार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनी।
1977 में स्वतंत्र पार्टी के भोला प्रसाद ने जीत हासिल की
हरनौत विधानसभा क्षेत्र में 1952 से 2000 तक कई राजनीतिक बदलाव देखने को मिले, जहां विभिन्न दलों ने समय-समय पर अपनी पकड़ मजबूत की। 1952 और 1957 के चुनावों में इस सीट का अलग से उल्लेख नहीं मिलता, क्योंकि उस समय बिहार में कई सीटों का पुनर्गठन हो रहा था।
1977 में हरनौत विधानसभा सीट पर स्वतंत्र पार्टी के भोला प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की, जिससे यह संकेत मिला कि इस क्षेत्र में राष्ट्रीय दलों की तुलना में छोटे दलों का प्रभाव बढ़ रहा था। 1980 में स्वतंत्र पार्टी के अरुण कुमार सिंह ने इस सीट पर कब्जा किया, जिससे यह साफ हुआ कि स्वतंत्र पार्टी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए हुए थी।
1985 में नीतीश कुमार को पहली बार मिली जीत
1985 में लोकदल के उम्मीदवार नीतीश कुमार ने हरनौत से जीत हासिल की, जो आगे चलकर बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम बने। 1990 में स्वतंत्र पार्टी के बृजनन्दन यादव ने इस सीट पर जीत दर्ज की, जिससे यह जाहिर हुआ कि क्षेत्रीय राजनीति का प्रभाव अभी भी बना हुआ था।
1995 में नीतीश कुमार को दोबारा मिली जीत
1995 में समता पार्टी के उम्मीदवार नीतीश कुमार ने दोबारा हरनौत से जीत दर्ज की, जो इस बात का संकेत था कि बिहार में समता पार्टी मजबूत हो रही थी। 2000 में समता पार्टी के विश्वमोहन चौधरी ने इस सीट से जीत हासिल की, जिससे यह साफ हुआ कि हरनौत विधानसभा क्षेत्र में समता पार्टी की पकड़ मजबूत बनी हुई थी। 2005 जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के हरिनारायण सिंह ने यह सीट अपने नाम कर रखा है ।
नीतीश कुमार की सीट पर जेडीयू का प्रभाव बरकरार
हरनौत विधानसभा सीट से नीतीश कुमार ने दो बार जीत हासिल की। इसके बाद से समता पार्टी और जेडीयू का प्रभाव यहां बरकरार रहा है। पिछले तीन विधानसभा चुनाव में जेडीयू के हरिनारायण सिंह जीत हासिल कर रहे हैं और अब चौथी बार चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है।
हरनौत विधानसभा चुनाव परिणाम 2010
हरनौत विधानसभा चुनाव परिणाम 2015
हरनौत विधानसभा चुनाव परिणाम 2020
स्वतंत्र पार्टी, लोकदल, समता पार्टी और जेडीयू का प्रभाव
1977 से 2000 तक हरनौत विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र पार्टी, लोकदल और समता पार्टी का प्रभाव देखने को मिला। 1985 में पहली बार नीतीश कुमार की जीत ने इस क्षेत्र को बिहार की राजनीति में खास बना दिया। 1990 के दशक के बाद समता पार्टी की मजबूत उपस्थिति के कारण हरनौत में राजनीतिक समीकरण बदलने लगे, और यह सीट बिहार में नीतीश कुमार के राजनीतिक उभार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनी।
वर्ष 1951 से 2020 तक हरनौत विधानसभा सीट से विजयी उम्मीदवार
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