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भारत पर लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ घटाएगा अमेरिका, रूसी तेल में कमी के बाद ट्रंप का बड़ा ऐलान, हिंदुस्तान की जमकर तारीफ की

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वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार भारत पर लादे गये 50 प्रतिशत के भारी भरकम टैरिफ को कम करने के संकेत दिए हैं। ट्रंप ने मंगलवार को कहा है कि अमेरिका अब भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) को घटाने जा रहा है। वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि "भारत पर फिलहाल बहुत ऊंचे टैरिफ इसलिए लगाए गए थे क्योंकि वह रूस से तेल खरीद रहा था। लेकिन अब उन्होंने रूस से तेल की खरीद काफी हद तक कम कर दी है, इसलिए हम टैरिफ नीचे लाने जा रहे हैं।"

इससे आगे डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत, दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और अमेरिका के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक “महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार” है। इसके अलावा ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा, "हमारे बीच शानदार संबंध हैं और हम भारत के साथ एक अच्छा, न्यायसंगत व्यापार समझौता करने के करीब हैं।" यानि, भारत से संबंध को काफी ज्यादा खराब करने के बाद अब आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप को इंडो-पैसिफिक में भारत का महत्व समझ में आ रहा है।

बाइडेन को नहीं है भारत की जानकारी- ट्रंप
इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन पर भी हमला बोला, जो उनसे पहले राष्ट्रपति थे। उन्होंने कहा, "जो बाइडेन को भारत के बारे में कुछ पता ही नहीं था। उन्हें भारत की रणनीतिक अहमियत का अंदाज़ा नहीं था।" ट्रंप ने दावा किया कि उनकी सरकार भारत के साथ ऐसे संबंध बना रही है जो पहले कभी नहीं रहे। उन्होंने आगे कहा कि "हम भारत के साथ एक नया और अलग तरह का समझौता कर रहे हैं। फिलहाल उन्हें मुझसे बहुत प्यार नहीं है, लेकिन जल्द ही वे हमें फिर पसंद करेंगे, क्योंकि हम एक निष्पक्ष सौदा करने जा रहे हैं।" राष्ट्रपति ने अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं की निगरानी कर रहे हैं और "हर किसी के लिए अच्छा" समझौता जल्द होने वाला है।


आपको बता दें कि अगस्त महीने में अमेरिका ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था, जिसमें 25 प्रतिशत टैरिफ रूसी तेल को लेकर था। ट्रंप प्रशासन दावा करता है कि भारत, रूस से सस्ता तेल खरीदकर वैश्विक ऊर्जा बाजार में लाभ कमा रहा है, जिससे यूक्रेन युद्ध को रोकने के अमेरिकी प्रयास कमजोर हो रहे थे। अमेरिका के वित्त सचिव बेसेंट ने भी भारत की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत ने रूसी तेल की बिक्री से "बड़े मुनाफ़े" कमाए हैं। हालांकि, भारत ने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा था कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा की जरूरतों को देखते हुए तेल आयात करता है और किसी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं कर रहा।
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