काबुल: हाल ही में रिपोर्ट आई कि भारत को ताजिकिस्तान में मौजूद मध्य एशिया का अपना इकलौता एयरबेस बंद करना पड़ा है। कहा गया कि ताजिकिस्तान पर तुर्की, कतर पाकिस्तान और चीन बना रहे थे, जिसके चलते भारत को वहां से वापसी करनी पड़ी है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान में नॉर्दन अलायंस के कमजोर होने के बाद भारत के लिए यह बेस बहुत महत्वपूर्ण नहीं रह गया था। इसके अलावा भारत के अफगान तालिबान से भी संबंध अच्छे हुए हैं। इस बीच दावा किया गया कि तालिबान ने महत्वपूर्ण बगराम एयरबेस भारत को सौंप दिया है। अब काबुल पर शासन करने वाले तालिबान अधिकारियों ने बगराम एयरबेस को लेकर बयान दिया है।
तालिबान ने बगराम पर बताया सच
भारत को एयरबेस सौंपने की रिपोर्ट पर काबुल के अधिकारियों ने कहा है कि भारत ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर न तो कोई उपस्थिति मांगी है और न ही वहां उपस्थिति की पेशकश की गई है। संडे गार्जियन लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान अधिकारियों ने सोशल मीडिया रिपोर्टों को निराधार बताया और दोनों देशों के बीच संबंधों को बदनाम करने वाली बताकर खारिज कर दिया।
अफगान अधिकारियों ने ऐसे दावों को मनगढ़ंत बताया और इसके बजाय कुछ वर्गों द्वारा अफगानिस्तान के वर्तमान प्रशासन के साथ भारत की भागीदारी पर संदेह पैदा करने के जानबूझकर किए गए प्रयासों की तरफ इशारा किया। सूत्रों ने जोर देकर कहा कि ऐसा कोई कदम न तो उठाया गया है और न ही इस पर चर्चा की गई है। सूत्र ने संडे गार्जियन लाइव से बातचीत में सोशल मीडिया पर चल रही इस चर्चा को एक सुनियोजित गलत सूचना करार दिया और कहा कि बगराम में किसी भी भारतीय मौजूदगी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
बगराम पर अमेरिका की नजर
बगराम एयरबेस अमेरिका ने विकसित किया था और अफगानिस्तान पर 20 सालों के सैन्य अभियान के दौरान प्रमुख हवाई अड्डा रहा था। इस हवाई अड्डे को अमेरिका एक बार फिर हासिल करना चाह रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लेकर खुलकर अपनी इच्छा जाहिर की है और ऐसा न होने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दे चुके हैं। हालांकि, अफगान तालिबान ने ट्रंप की मांग को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा कि अफगानी धमकी से नहीं डरते, बल्कि हम अगले 20 साल और लड़ने को तैयार हैं।
तालिबान ने बगराम पर बताया सच
भारत को एयरबेस सौंपने की रिपोर्ट पर काबुल के अधिकारियों ने कहा है कि भारत ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर न तो कोई उपस्थिति मांगी है और न ही वहां उपस्थिति की पेशकश की गई है। संडे गार्जियन लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान अधिकारियों ने सोशल मीडिया रिपोर्टों को निराधार बताया और दोनों देशों के बीच संबंधों को बदनाम करने वाली बताकर खारिज कर दिया।
अफगान अधिकारियों ने ऐसे दावों को मनगढ़ंत बताया और इसके बजाय कुछ वर्गों द्वारा अफगानिस्तान के वर्तमान प्रशासन के साथ भारत की भागीदारी पर संदेह पैदा करने के जानबूझकर किए गए प्रयासों की तरफ इशारा किया। सूत्रों ने जोर देकर कहा कि ऐसा कोई कदम न तो उठाया गया है और न ही इस पर चर्चा की गई है। सूत्र ने संडे गार्जियन लाइव से बातचीत में सोशल मीडिया पर चल रही इस चर्चा को एक सुनियोजित गलत सूचना करार दिया और कहा कि बगराम में किसी भी भारतीय मौजूदगी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
बगराम पर अमेरिका की नजर
बगराम एयरबेस अमेरिका ने विकसित किया था और अफगानिस्तान पर 20 सालों के सैन्य अभियान के दौरान प्रमुख हवाई अड्डा रहा था। इस हवाई अड्डे को अमेरिका एक बार फिर हासिल करना चाह रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लेकर खुलकर अपनी इच्छा जाहिर की है और ऐसा न होने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दे चुके हैं। हालांकि, अफगान तालिबान ने ट्रंप की मांग को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा कि अफगानी धमकी से नहीं डरते, बल्कि हम अगले 20 साल और लड़ने को तैयार हैं।
You may also like

बाप-बेटेˈ गधे पर बैठे थे लोग बोले 'कितने निर्दयी हैं दोनों उतर गए लेकिन फिर हो गई ये बड़ी चोट﹒

ओडिशा में 8 करोड़ रुपए की 60 किलो ड्रग्स जब्त

महिला रिक्रूट आरक्षियों के बीच हुआ रोमांचक क्रिकेट मुकाबला, अहिल्याबाई छात्रावास ने मारी बाजी

उज्जैनः वैकुंठ चतुर्दशी पर होगा हरिहर मिलन, भगवान विष्णु को सृष्टि का भार सौंपेंगे भोलेनाथ

इतनेˈ बड़े तपस्वी होकर भी परशुराम जी ने क्यों काटा अपनी मां का गला? यहां पढ़िए पूरी कथा…﹒




