प्रयागराज। संभल की शाही जामा मस्जिद की कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने सोमवार दोपहर को संभल की विवादित शाही जामा मस्जिद कमेटी की याचिका पर फैसला सुनाया। जस्टिस अग्रवाल ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को सही बताया, जिसमें संभल की विवादित शाही जामा मस्जिद के सर्वे करने की बात थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की याचिका पर रोक नहीं लगाई जा सकती। संभल के ट्रायल कोर्ट ने विवादित शाही जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर से सर्वे कराने का आदेश 19 नवंबर 2024 को दिया था।
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— Live Law (@LiveLawIndia) May 19, 2025
संभल के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर की शाम को ही कोर्ट कमिश्नर शाही जामा मस्जिद गए थे और वहां कुछ सर्वे किया था। इसके बाद 24 नवंबर 2024 को जब कोर्ट कमिश्नर फिर संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंचे, तो बाहर उपद्रवियों ने हिंसा का तांडव शुरू कर दिया। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने संभल की शाही जामा मस्जिद के आसपास जमकर पथराव और आगजनी की थी। उपद्रवियों ने पुलिस पर फायरिंग भी की थी। इस फायरिंग में 4 आम लोगों की जान गई थी। संभल पुलिस ने काफी प्रयास कर इस उपद्रव को कंट्रोल में किया था। उपद्रव के सिलसिले में संभल पुलिस ने कुछ महिलाओं समेत 50 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया था।
संभल की शाही जामा मस्जिद के बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां पहले हरिहर नाथ मंदिर था। जिसे मुगल बादशाह बाबर के आदेश पर तोड़कर वहां शाही जामा मस्जिद बनाई गई। हिंदू पक्ष का ये भी कहना है कि मान्यता के अनुसार जिस जगह हरिहर नाथ मंदिर था, वहीं पर कलियुग के अंत में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होना है। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि संभल की शाही जामा मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई। वहीं, ये मस्जिद एएसआई की संरक्षित इमारत है। बीते दिनों एएसआई ने कोर्ट में अपनी दलील भी दी है। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट का सर्वे के पक्ष में फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है।
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