रिश्ते बनते हैं भरोसे से और टूटते हैं अनदेखी से। प्यार, सम्मान और समझदारी के बिना कोई भी रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिक सकता। जब बात पुरुषों और महिलाओं के रिश्तों की आती है, तो अक्सर ऐसा देखा गया है कि पुरुष कुछ अहम भावनात्मक जरूरतों की अनदेखी कर बैठते हैं। शुरुआत में जो रिश्ता बेहद खूबसूरत लगता है, वो धीरे-धीरे दरकने लगता है – और कारण होते हैं वही छोटे-छोटे व्यवहारिक पहलू, जिन्हें समय रहते समझा नहीं गया।आज के इस लेख में हम जानेंगे कि वो कौन-सी बातें हैं जिन्हें अक्सर पुरुष नज़रअंदाज़ कर देते हैं और इसी अनदेखी के चलते मजबूत लगने वाले रिश्ते भी बिखर जाते हैं।
1. भावनात्मक समर्थन की कमी
अधिकांश महिलाएं चाहती हैं कि उनका पार्टनर उन्हें सिर्फ सुने ही नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से उन्हें समझे। जब महिला किसी परेशानी या तनाव में होती है और उसका साथी उसे बस "समस्या का हल" बताने लगता है, तो वो जुड़ाव की बजाय दूरी महसूस करती है। पुरुषों द्वारा भावनात्मक जुड़ाव की कमी रिश्ते में ठंडापन ले आती है।
2. संवाद का अभाव
रिश्तों में संवाद यानी बात करना बेहद जरूरी होता है। परंतु कई बार पुरुष यह सोचकर कि "सब कुछ ठीक है", संवाद से कतराने लगते हैं। महिलाएं अक्सर चाहती हैं कि उनके साथी उनसे अपने दिल की बातें साझा करें, अपने डर, सपने और इच्छाएं बाँटें। जब पुरुष चुप्पी ओढ़ लेते हैं, तो महिला खुद को अलग-थलग महसूस करने लगती है।
3. सुनना नहीं, सिर्फ जवाब देना
महिलाएं जब कुछ कहती हैं तो वो सिर्फ सुनने के लिए कहती हैं, न कि तुरंत हल पाने के लिए। लेकिन बहुत से पुरुष उस बात को समझने के बजाय तर्क देना या समस्या सुलझाना शुरू कर देते हैं। यह महिलाओं को ऐसा महसूस कराता है कि उनकी भावनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
4. सराहना और तारीफ की कमी
एक सामान्य इंसानी जरूरत है – प्रशंसा और सराहना। जब महिला कोई छोटी या बड़ी बात करती है, तो वो अपने पार्टनर से मान्यता चाहती है। लेकिन कई पुरुष यह मान लेते हैं कि “उसे तो पता ही है कि मैं प्यार करता हूँ” — और कहने की जरूरत नहीं समझते। समय के साथ यह चुप्पी महिला के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती है और रिश्ते में दूरी बढ़ा देती है।
5. क्वालिटी टाइम न देना
काम, करियर, दोस्त – ये सब जरूरी हैं, लेकिन एक रिश्ता तभी फलता-फूलता है जब उसमें समय की निवेश हो। महिलाएं तब खुश होती हैं जब उनका पार्टनर उनके लिए समय निकालता है, चाहे वह एक कॉफ़ी की मुलाक़ात हो या सिर्फ कुछ पल की बातचीत। समय की अनदेखी रिश्ते की नींव को कमजोर बना देती है।
6. भावनाओं को ‘कमजोरी’ समझना
अभी भी कई पुरुष भावनात्मक अभिव्यक्ति को कमजोरी समझते हैं – खासकर जब महिलाएं रोती हैं या खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त करती हैं। वे इससे कतराते हैं या मजाक बना देते हैं। यह रवैया महिला को असुरक्षित और अस्वीकार महसूस कराता है। पुरुषों का यह व्यवहार रिश्ते को नुकसान पहुंचाता है।
7. रिश्ते को ‘मिला हुआ’ मान लेना
जब एक बार रिश्ता बन जाता है, तो कुछ पुरुष यह मान लेते हैं कि अब कुछ करने की जरूरत नहीं। रिश्ते में रोमांस, स्पेशल जेस्चर और एफर्ट खत्म हो जाते हैं। महिला को लगता है कि वह अब प्राथमिकता में नहीं रही, और यह धीरे-धीरे रिश्ते को खत्म कर देता है।
8. बराबरी का व्यवहार न करना
आधुनिक महिलाएं आत्मनिर्भर हैं और वह चाहती हैं कि उन्हें बराबरी के दर्जे से देखा जाए। कई बार पुरुष अनजाने में ही महिलाओं को कम समझने लगते हैं या हर फैसले में अपनी राय थोपने की कोशिश करते हैं। यह असमानता महिलाओं को अंदर ही अंदर तोड़ देती है।
नतीजा: रिश्ते में दरार, दूरी और अंत
इन सभी बातों की अनदेखी जब लगातार होती रहती है, तो महिला पहले मन ही मन घुटती है, फिर धीरे-धीरे रिश्ते से भावनात्मक रूप से कट जाती है। और अंततः एक दिन ऐसा आता है जब रिश्ते में बचता ही कुछ नहीं। पुरुष सोचते रह जाते हैं कि "ऐसा क्या हुआ?", लेकिन असल में यह दूरी धीरे-धीरे पैदा हुई थी — हर बार की अनदेखी से।
समाधान: समझ और संवेदना से रिश्ते को करें मजबूत
अगर पुरुष समय रहते इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें, तो रिश्ते को बिखरने से बचाया जा सकता है:
महिला की बात को ध्यान से सुनें, प्रतिक्रिया देने से पहले समझें।
भावनात्मक जुड़ाव को मज़बूती दें, न कि उसे हल्के में लें।
उसकी कोशिशों और अच्छाइयों को सराहें।
अपनी भावनाएं भी साझा करें, ताकि वह भी आपको समझ सके।
बराबरी का व्यवहार करें, हर फैसले में साझेदारी रखें।
साथ बिताए समय को प्राथमिकता दें।
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