कानपुर, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की जिला मुख्यालयों से कनेक्टिविटी को मजबूत किया जाएगा और सभी इकाइयों को सुदृढ़ किया जाएगा. जहां भी हल्की-फुल्की टूट, सीपेज या मार्ग की समस्या पाई गई है, वहां तीन माह के भीतर कार्ययोजना बनाकर मरम्मत कराई जाएगी. मंडल के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग सहित 15 प्रकार की जांचें अनिवार्य रूप से कराई जाएंगी. अस्पतालों में तैनात मानव संसाधन को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए कैलेंडर तैयार किया जा रहा है और रोस्टर के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे. यह जानकारी शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने दी.
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित कुमार घोष की अध्यक्षता में आज मंडलायुक्त शिविर कार्यालय स्थित सभागार में स्वास्थ्य विभाग की मंडलीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक में जनाकांक्षाओं के अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक बेहतर बनाने के दृष्टिकोण से कई आवश्यक निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि दूरस्थ एवं नगरीय क्षेत्रों की जनता को एकसमान गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अपर मुख्य सचिव ने कानपुर मंडल के एडी हेल्थ को तीन माह का समय दिया है.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शासन के निर्देशों के क्रम में मंडल के छह जिलों में स्थित 2,013 हेल्थ फैसेलिटीज में 57 टीमों के 114 सदस्यों द्वारा निरीक्षण किया गया. इन टीमों ने 732 स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर मरीजों और उनके तीमारदारों से फीडबैक लिया. जिन केंद्रों की जांच हुई, उनमें नौ जिला अस्पताल, 58 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 150 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 513 उपकेंद्र व आयुष्मान आरोग्य मंदिर शामिल थे. औरैया जिले में 925, इटावा में 1,059, फर्रुखाबाद में 1,093, कन्नौज में 1,312, कानपुर देहात में 1,115 तथा कानपुर नगर में 1,669 मरीजों और तीमारदारों से फीडबैक प्राप्त किया गया. इन सभी फीडबैक की गहन समीक्षा बैठक में की गई.
उन्होंने निर्देश दिए कि जननी सुरक्षा योजना का भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाए और संस्थागत प्रसव की सुविधा को और बेहतर बनाया जाए. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर शिकायत पेटिका लगाई जाएगी, ताकि किसी मरीज या उसके परिजन को अस्पताल की सेवाओं के संबंध में कोई शिकायत हो तो वह सीधे उच्च अधिकारियों तक पहुँच सके.
अपर मुख्य सचिव ने अस्पताल परिसरों में स्थित निष्प्रयोज्य भवनों को निर्धारित समयसीमा के भीतर हटाने का निर्देश दिया, जिससे परिसर में स्थान की उपलब्धता बढ़ेगी और उसका उपयोग आवश्यकतानुसार किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि कानपुर मंडल में क्वालिटी सर्टिफिकेशन के संबंध में अच्छा कार्य हुआ है, हालांकि कन्नौज और फर्रुखाबाद में सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने उर्सला और मान्यवर कांशीराम अस्पताल की कमियों को तीन माह के भीतर दूर करने के निर्देश दिए तथा डायग्नोस्टिक और लैब सुविधाओं को और सुदृढ़ करने पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गार्डों की तैनाती अनिवार्य की जाएगी. शासन की प्राथमिकता है कि प्रत्येक मरीज को समय से उपचार और सम्मानपूर्ण व्यवहार मिले, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में जनविश्वास और सुदृढ़ हो सके.
बैठक में महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महानिदेशक परिवार कल्याण, मंडलायुक्त कानपुर मंडल, प्रबंध निदेशक Uttar Pradesh मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन सहित कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज और औरैया के मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक उपस्थित रहे.
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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