पश्चिमी सिंहभूम, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा )जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र में गुप्त सूचना के आधार पर चलाए गए विशेष अभियान के दौरान रविवार को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा (माओवादी) का जोनल कमेटी सदस्य और दस लाख रुपये का इनामी नक्सली मारा गया।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) राकेश रंजन ने बताया कि सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में भाकपा माओवादी का इनामी नक्सली अमित हांसदा उर्फ़ आपटन मारा गया है। उसपर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसपर जिले के विभिन्न थानों में नक्सली हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के कई मामले दर्ज हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की पहचान अमित हांसदा उर्फ अपटन उर्फ चंद्रमोहन हांसदा, पिता गुड्डू हांसदा, निवासी ढोड़ी, थाना चतरोचट्टी, जिला बोकारो के रूप में हुई है। वर्ष 2008 से सक्रिय यह नक्सली लंबे समय से झारखंड पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ था।
एसपी ने बताया कि पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों की जानकारी के बाद खोजी अभियान (सर्च ऑपरेशन) चला रही थी। इस दौरान घात लगाए बैठे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाला। कई घंटों तक दोनों ओर से गोलीबारी चली। इसके बाद घटनास्थल की तलाशी में नक्सली कमांडर अमित हांसदा का शव बरामद किया गया। उसके पास से हथियार और नक्सली सामग्री भी मिली है।
एसपी ने बताया कि अभियान में चाईबासा जिला पुलिस और कोबरा 209 बटालियन के जवान भी शामिल थे। घटनास्थल से एक एसएलआर रायफल, कई जिंदा कारतूस और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गई हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के आलोक में आगे की सभी विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है।
दरअसल, मारा गये नक्सली पर कई जिलों में बड़ी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप था। वह अब तक चाईबासा और आसपास के इलाकों में करीब 96 से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल रहा। इसके अलावा उसने 12 से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों की हत्या की और कई बार हथियार भी लूटे। वर्ष 2014 में चाईबासा जिला में बैंक घटना, सरायकेला जिला के फुकडू में पुलिसकर्मी की हत्या और हथियार लूट, गोइलकेरा थाना क्षेत्र में पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला और दो जवानों की हत्या जैसे कई मामलों में उसकी संलिप्तता रही। वर्ष 2022 में झिरकाटां में हुए हमले और हथियार लूट का भी वह मास्टरमाइंड था।—————
(Udaipur Kiran) / गोविंद पाठक
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