धमतरी, 23 अप्रैल . कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने बुधवार को धमतरी कलेक्टोरेट सभाकक्ष में संभागस्तरीय बैठक ली. जिसमें पांच जिलों के कलेक्टर व अधिकारी शामिल हुए. यहां विगत रबी फसल की उपलब्धियों तथा आगामी खरीफ फसल की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की गई. आगामी खरीफ सीजन में पिछले 10 वर्षों से लगाई जा रही फसलों की किस्मों के स्थान पर नई किस्मों को प्रमोट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है.
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने कहा कि समय पर बीज, खाद, कीटनाशक आदि कृषि आदानों के नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए है. साथ ही अमानक नमूनों की स्थिति में केवल लायसेंस निरस्तीकरण या निलंबन और अमानक सामग्री को बेचने से रोक लगाने के अलावा ऐसे दुकानदारों और निर्माता कंपनियों के विरूद्ध वस्तु अधिनियम और अन्य नियमों के आधार पर दंडात्मक कार्रवाई करने के भी निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए है. अभी सभी समितियों और भंडारग्रहों में बीज, खाद, कीटनाशक खरीफ में उपयोग के लिए रखी जा रही है. उन्होंने समय पर इनके नमूने लेकर जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए है, ताकि जांच के परिणाम सामग्रियों का किसानों को वितरण होने से पहले प्राप्त हो जाएं. इस बैठक में रायपुर संभाग के संभाग आयुक्त महादेव कावरे, सभी पांच जिलों रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार, महासमुंद और गरियाबंद के कलेक्टर, जिला पंचायत के सीईओ, कृषि विभाग के अधिकारियों सहित कृषि, पशु पालन, मछलीपालन, उद्यानिकी और कृषि विश्वविद्यालय के रिसर्च संचालक भी मौजूद रहे. बैठक में राज्य बीज निगम, सहकारी विपणन संघ, जलग्रहण प्रबंधन एजेंसी, कृषि विपणन बोर्ड और उद्यानिकी महाविद्यालय के प्रबंध संचालक भी शामिल हुए.
बैठक में मत्स्य उत्पादन, केज प्रकरण स्वीकृति समेत अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की. कृषि उत्पादन आयुक्त ने संभाग के जिलों में दुग्ध उत्पादन की संभावनाओं पर भी बात की. उन्होंने जिलों में दूध उत्पादन वाले क्षेत्रों की पहचान कर मिल्क रूट बनाने, दुग्ध समितियां गठित करने और समितियों को इस व्यवसाय में प्रशिक्षित कराने के लिए निर्देशित किया है. निगार ने यह भी कहा कि दुग्ध व्यवसाय के लिए शासकीय सहायता आदि पहले आओ-पहले पाओ आधार पर स्वीकृत कर दी जाएगी. सभी जिले इसे ध्यान में रखकर अपनी तैयारियां तेजी से करें. एपीसी ने पशुपालन विभाग द्वारा किए जाने वाले पशु टीकाकरण कार्यक्रम की भी समीक्षा की. उन्होंने पशुओं को लगाए जाने वाले टीकों की भी समय-समय पर सैंपलिंग कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजने के निर्देश दिए. उन्होंने खाद-बीज, दवाई की उपलब्धता में किसी भी तरह की कमी होने पर समय रहते विपणन संघ के प्रबंध संचालक को सूचित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए. आगामी खरीफ वर्ष 2025 में रायपुर संभाग में नौ लाख 16 हजार 417 हेक्टेयर में खेती की योजना तैयार की गई है. इसके तहत आठ लाख 48 हजार 942 हेक्टेयर में धान, 18 हजार 810 हेक्टेयर में मक्का, दो हजार 935 हेक्टेयर में लघु धान्य, 25 हजार 617 हेक्टेयर में दलहन, 7 हजार 893 हेक्टेयर में तिलहन और 12 हजार 220 हेक्टेयर में अन्य फसलों की खेती की जाएगी.
/ रोशन सिन्हा
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