कोलकाता, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता कार्यालय ने शेख जिन्नार अली नामक व्यक्ति की करीब 2.2 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली हैं। अली पर आरोप है कि वह ईडी अधिकारी बनकर कारोबारियों से वसूली करता था।
ईडी के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियों में पूर्व बर्दवान जिले में स्थित 10 अचल संपत्तियां और बैंक खातों में जमा राशि शामिल है। कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई। एजेंसी ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में आरोपित के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन शिकायत भी दर्ज कराई थी।
ईडी की ओर से बुधवार सुबह जारी बयान में बताया गया है कि जांच की शुरुआत बिधाननगर दक्षिण थाने में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर हुई। आरोपितों ने एक कारोबारी से ईडी अधिकारी बनकर धन उगाही की साजिश रची थी। वे फोन पर खुद को ईडी अधिकारी बताकर संपर्क करते थे और फर्जी समन जारी कर कारोबारी को बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय कार्यालय में बुलाते थे।
बयान के मुताबिक, आरोपित कारोबारी की व्यावसायिक गतिविधियों पर सवाल उठाते और वित्तीय खातों में कथित गड़बड़ियों की चर्चा करते थे। वैधता का आभास कराने के लिए आरोपित टॉयोटा फॉर्च्यूनर कार से आते, जिस पर ईडी का निशान लगा होता था। वे कारोबारी को चेतावनी देते कि ईडी और सीबीआई की कार्रवाई तुरंत हो सकती है और दबाव बनाकर उनसे धन वसूलते।
धमकी के चलते पीड़ित कारोबारी को कुल 1.30 करोड़ रुपये नकद और 20 लाख रुपये बैंक खाते में जमा करने पड़े। अंततः जुलाई 2025 में ईडी ने जिन्नार अली को गिरफ्तार किया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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