शिमला, 30 अप्रैल . हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) का मुख्यालय अब राजधानी शिमला से कांगड़ा जिले में स्थानांतरित किया जाएगा. निगम के चेयरमैन और विधायक रघुबीर सिंह बाली ने बुधवार को इस संबंध में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (बीओडी) की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की.
एचपीटीडीसी का मुख्यालय वर्ष 1972 से शिमला में स्थित है जो अब 52 वर्षों के बाद स्थानांतरित किया जा रहा है.
रघुबीर बाली ने बताया कि धर्मशाला या कांगड़ा जिले के किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर नया मुख्यालय स्थापित किया जाएगा जहां बड़ी सरकारी इमारतें उपलब्ध हों और कर्मचारियों व नागरिकों को सुविधाजनक माहौल मिल सके. उन्होंने कहा कि मुख्यालय शिफ्ट करने की प्रक्रिया आज से ही शुरू कर दी गई है.
शिमला में बना रहेगा जोनल कार्यालय, स्टाफ की तैनाती भी जारी रहेगी
उन्होंने स्पष्ट किया कि शिमला में एचपीटीडीसी का जोनल कार्यालय पहले की तरह कार्य करता रहेगा और वहां आवश्यक स्टाफ की तैनाती भी की जाएगी. पर्यटन विभाग के सचिव शिमला में ही बैठेंगे. केवल कॉर्पोरेट कार्यालय प्रबंध निदेशक (एमडी), आईएएस अधिकारी और उच्च प्रशासनिक इकाइयाँ धर्मशाला स्थानांतरित होंगी. इससे शिमला के कार्यालयों पर काम का बोझ कम होगा और डी-कंजेशन की दिशा में यह एक सार्थक कदम होगा.
खर्चों में कटौती और लाभ में वृद्धि की दिशा में एचपीटीडीसी का प्रयास
रघुबीर बाली ने बताया कि निगम लगातार अपने खर्चों में कटौती कर रहा है. शहरों के भीतर स्थित कुछ होटलों में कर्मचारियों की संख्या कम की जा रही है ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सके. उन्होंने कहा कि निगम ने एक भी रुपया सरकार से ग्रांट के रूप में नहीं लिया है बल्कि अपने संसाधनों से 107 करोड़ रुपये का टर्नओवर अर्जित किया है. इसमें से 41 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है.
उन्होंने कहा कि यह सफलता निगम के होटलों और रेस्टोरेंट के कुशल प्रबंधन, नियमित रख-रखाव और परिसंपत्तियों के प्रभावी उपयोग का परिणाम है. इसी लाभ के चलते निगम ने पिछले ढाई वर्षों में पेंशनभोगियों को 41 करोड़ रुपये की राशि जारी की है.
बंद पड़ी संपत्तियों का होगा दोबारा उपयोग
उन्होंने कहा कि बीओडी बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि एचपीटीडीसी की बंद पड़ी संपत्तियों और होटलों का मूल्यांकन (एवेलुएशन) किया जाएगा. जिन होटल या कैफे वर्षों से बंद पड़े हैं, उन्हें फिर से शुरू किया जाएगा. इसके लिए विशेषज्ञ कंसल्टेंट तैनात किए जाएंगे जो इन संपत्तियों की स्टडी करेंगे और संचालन की संभावनाओं का आकलन करेंगे.
रघुबीर बाली ने कहा कि कई ऐसी संपत्तियाँ हैं जिन्हें उचित योजना और निवेश से दोबारा चालू किया जा सकता है. साथ ही निगम द्वारा कई होटलों का नवीनीकरण (रेनुवेशन) भी किया जाएगा ताकि उन्हें आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाकर पर्यटकों को बेहतर सेवाएं दी जा सकें.
एचपीटीडीसी ने रचा रिकॉर्ड, पहली बार 100 करोड़ पार
निगम ने पहली बार 100 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. रघुबीर बाली ने कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा जैसी गंभीर चुनौतियों के बावजूद पर्यटन क्षेत्र को पटरी पर लाने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ अपनाईं, जिसके चलते यह रिकॉर्ड बन पाया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में निगम को और अधिक सशक्त, लाभकारी और जनोपयोगी बनाया जाएगा.
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/ उज्जवल शर्मा
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