वाराणसी, 15 मई . काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में गुरुवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम ने छात्रों को आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी. यह प्रशिक्षण सत्र विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई की पहल पर आयोजित किया गया, जिसकी समन्वयक स्वप्ना मीना रही.
एनडीआरएफ टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर कृष्णा यादव ने छात्रों को भूकंप, बाढ़, आगजनी तथा अन्य प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं के कारणों एवं उनसे बचाव के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सही जानकारी और पूर्व तैयारी से किसी भी आपदा की स्थिति में जान-माल के नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है. उन्होंने आपदा के समय संयम और सूझबूझ से कार्य करने की महत्ता को रेखांकित किया. कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई, जिसके बाद एनडीआरएफ टीम द्वारा आपदा प्रबंधन की विभिन्न तकनीकों का जीवंत प्रदर्शन किया गया. इसमें प्राथमिक उपचार, घायलों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना, अस्थायी आश्रय निर्माण और आपदा के समय आवश्यक उपकरणों के प्रयोग जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को दिखाया गया. छात्रों ने इन गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया और बचाव कार्यों में प्रयुक्त आधुनिक उपकरणों और तकनीकों के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त की. कार्यक्रम में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अरुण कुमार और डॉ. शशि प्रभा भी मौजूद रहे. समापन अवसर पर एनएसएस समन्वयक स्वप्ना मीना ने एनडीआरएफ टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्रों को जागरूक बनाते हैं, बल्कि उन्हें भविष्य में किसी भी आपदा का सामना करने के लिए तैयार करेंगे.
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/ श्रीधर त्रिपाठी
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