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भारत के महासागर विजन और 'पड़ोसी प्रथम' नीति का मॉरीशस महत्वपूर्ण हिस्सा

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—प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशी से दोनों देशों के संबंधों को मजबूती देने के साथ ही व्यापार को भी नया पंख देंगे

वाराणसी,10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरूवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मॉरीशस के समकक्ष डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की मेजबानी करेंगे। यह यात्रा मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की राजकीय यात्रा से उत्पन्न सकारात्मक माहौल पर आधारित है । यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘संवर्धित रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाया था।

सियासी जानकारों का मानना है कि हिंद महासागर क्षेत्र में एक मूल्यवान साझेदार और घनिष्ठ समुद्री पड़ोसी के रूप में, मॉरीशस भारत के ‘महासागर’ (क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक व समग्र उन्नति) दृष्टिकोण और ‘पड़ोसी पहले’ नीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच मजबूत होता सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों की समृद्धि के लिए बल्कि ग्लोबल साउथ की सामूहिक आकांक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। भारत के महासागर विजन और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का मॉरीशस महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। द्विपक्षीय चर्चाओं के दौरान, दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे । जिसमें विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वे स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और नीली अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी विमर्श करेंगे। दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी से ही दोनों देशों के संबंधों को मजबूती देने के साथ ही व्यापार को भी नया पंख देंगे। वाराणसी शिखर सम्मेलन पारस्परिक समृद्धि, सतत विकास और सुरक्षित एवं समावेशी भविष्य की दिशा में भारत और मॉरीशस की साझा यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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