भोपाल, 30 अप्रैल . खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आज (बुधवार) खास होने जा रहा है. आज हिन्दू धर्म में अबूझ मुहूर्त माना जाने वाला अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है. इस मौके पर शाम को जब आप आसमान में पश्चिम दिशा में हंसियाकार चांद को देखेंगे तो पाएंगे कि हंसियाकार भाग तो तेज चमक के साथ दिखेगा, लेकिन हल्की चमक के साथ पूरा गोलाकार चांद भी दिखाई देगा.नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इस खगोलीय घटना के बारे में बताया कि इसे अर्थशाईन कहा जाता है. यह घटना आसमान में साल में दो बार होती है. उन्होंने बताया कि इस घटना के समय चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी लगभग तीन लाख 63 हजार 897 किलोमीटर होगी और इसका 9.9 प्रतिशत भाग ही पूरी तरह प्रकाशित होगा, लेकिन इस खास खगोलीय घटना में चंद्रमा का बाकी अप्रकाशित भाग भी कम चमक के साथ दिख रहा होगा. इसे बिना किसी यंत्र की मदद से खाली आंखों से भी देख सकेंगे.सारिका ने बताया कि इस घटना को दा विंची चमक के नाम से भी जाना जाता है. लियोनार्डो द विंची ने पहली बार स्केच के साथ 1510 के आसपास अर्थशाईन की अवधारणा को रखा था. इस घटना का कारण बताते हुए सारिका ने कहा कि चंद्रमा अपने तक पहुंचने वाले सूर्य के प्रकाश का लगभग 12 प्रतिशत परावर्तित करता है. दूसरी ओर, पृथ्वी अपनी सतह पर आने वाले सभी सूर्य के प्रकाश का लगभग 30 प्रतिशत परावर्तित करती है. पृथ्वी का जब यह परावर्तित प्रकाश चंद्रमा पर पहुंचता है तो चंद्रमा की सतह के अंधेरे वाले भाग को भी रोशन कर देता है.सारिका ने बताया कि आज की शाम जब आप चंद्रमा को देखें तो याद रखें उसे चमकाने में उस पृथ्वी का भी योगदान है, जिस पर आप खड़े हैं. चंद्रमा को आप शाम लगभग 9:30 तक देख पाएंगे, इसके बाद यह अस्त हो जाएगा.
तोमर
You may also like
पंजाब किंग्स के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स के लिए करो या मरो का मैच, IPL 2025 का सफर हो सकता है खत्म
कोलकाता के होटल में लगी भीषण आग, 14 की मौत, जान बचाने छत-खिड़की से कूद गए लोग..
Jaipur Gold Silver Price: अक्षय तृतीया के दिन चमका सोना चांदी में भी आई तेजी, जानिए क्या है आज के ताजा भाव
प्लास्टिक पानी की बोतलें: स्वास्थ्य पर प्रभाव और सुरक्षित विकल्प
रॉबर्ट कियोसाकी की धन सृजन की रणनीतियाँ