पश्चिम मेदिनीपुर, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . पश्चिम मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज में कथित लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला की Monday सुबह मौत हो गई. इस घटना के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा मच गया. मृत महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. स्थिति बिगड़ने पर पश्चिम मेदिनीपुर के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में दो सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल अस्पताल पहुंचा और अस्पताल अधीक्षक से बात की. स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी जांच के लिए मौके पर पहुंचे.
मिली जानकारी के अनुसार, मृत महिला का नाम शिखा दे दास (32) है. वे पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बेलदा अंतर्गत नाहापार गांव के निवासी थे. उनके पति पवित्र दास ने बताया कि शिखा नौ महीने की गर्भवती थीं. sunday शाम को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद शाम करीब छह बजे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पवित्र ने कहा कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. पहले इमरजेंसी विभाग में दिखाने के बाद उन्हें ‘प्रसूति वार्ड’ भेजा गया. वहां से फिर मेडिसिन वार्ड में भेज दिया गया. रात 8:30 बजे के करीब उन्हें छुट्टी दे दी गई और केवल बुखार और खांसी की दवा दी गई. उस समय कोई बड़ा टेस्ट नहीं किया गया.
उन्होंने आगे बताया कि रात में वह पत्नी को जिला परिषद के गेस्ट हाउस ले गए, लेकिन रात तीन बजे फिर से उनकी तबीयत बिगड़ गई. जब दोबारा अस्पताल लाया गया, तो फिर से ‘प्रसूति वार्ड’ भेजा गया.
इस बीच शिखा की हालत लगातार बिगड़ती गई. Monday सुबह पांच बजे के करीब उन्हें आईसीयू और सीसीयू में भेजा गया, लेकिन सुबह छह बजे उनकी मौत हो गई.
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही और इलाज में गड़बड़ी के कारण ही शिखा की मौत हुई. शिखा का 12 साल का एक बेटा भी है. शिखा के पति पवित्र दास ने कहा, “मैं, Chief Minister , स्वास्थ्य विभाग, जिलाधिकारी, Superintendent of Police और अस्पताल प्रशासन, सभी को लिखित शिकायत दूंगा. जब तक मौत का असली कारण नहीं बताया जाता, तब तक मैं पत्नी का शव नहीं लूंगा.”
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी. जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सौम्यशंकर षड़ंगी ने मामले की जानकारी ली. राज्य स्वास्थ्य विभाग ने भी दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो Monday को ही मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचेगी.
अस्पताल के अधीक्षक इंद्रनील सेन ने कहा कि हमने विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट मांगी है. जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि क्या हुआ. किसी भी मरीज की मौत दुर्भाग्यपूर्ण होती है, खासकर एक प्रसूता और उसके शिशु की.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी षड़ंगी ने बताया कि स्वास्थ्य भवन से जांच दल भेजा जा रहा है जो पूरे मामले की विस्तृत जांच करेगा.
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
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