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पड़ोसी देश में हालात बिगड़ने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी, ट्रक और पर्यटक फंसे

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कोलकाता, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । हिमालयी देश नेपाल में चल रहे ‘जनरेशन-ज़ेड आंदोलन’ में अब तक 19 लोगों की मौत और कई घायल होने के बाद पश्चिम बंगाल की भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हालात के कारण करीब 100 भारतीय ट्रक चालक और पर्यटक सीमा पर फंसे हुए हैं।

दार्जिलिंग जिला पुलिस ने फंसे हुए भारतीयों की मदद के लिए 24 घंटे का कंट्रोल रूम स्थापित किया है। दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक प्रवीन प्रकाश मंगलवार रात जारी अपने एक बयान में कहा कि हमने सीमा क्षेत्र में घर-घर तलाशी शुरू कर दी है। इस ओर अशांति की कोई खबर नहीं है, लेकिन हम सतर्क हैं। नेपाल पुलिस के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भी अलर्ट पर है। किसी भी भारतीय को नेपाल में समस्या होने पर दार्जिलिंग जिला पुलिस हेल्पलाइन से संपर्क करने की अपील की जाती है।

हालांकि आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सिलीगुड़ी के पास पनिटंकी सीमा से यातायात पूरी तरह रोक दिया गया है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सीमा क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने और सुरक्षा चूक से बचने के उपाय कर रही हैं।

सीमा क्षेत्र में तनाव का माहौल है। पानिटंकी के बाजार और दुकानें बंद हैं। यहां से ठीक दूसरी ओर मंगलवार को नेपाल सीमा पार विरोध प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए, जिसमें दो लोगों की मौत भी हुई।

सूत्रों के अनुसार, सीमा पर सुरक्षा दोगुनी कर दी गई है और अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है। सीमा पार प्रत्येक वाहन की सघन जांच की जा रही है और डॉग स्क्वॉड भी तैनात हैं। पुलिस हर वाहन के ड्राइवर और यात्रियों के नाम-पते का रिकॉर्ड तैयार कर रही है।

इस बीच, सीमा बंद होने से दोनों ओर सैकड़ों ट्रक अटके हुए हैं। हालात गंभीर होते जा रहे हैं, वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर चले गए हैं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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