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यूपी में कल सायरन की गूंज, ब्लैकआउट की आशंका, पूरे प्रदेश में होगी मॉक ड्रिल

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उत्तर प्रदेश में 7 मई 2025 को एक अभूतपूर्व सुरक्षा अभ्यास की तैयारी है। पूरे प्रदेश में सायरन की गूंज सुनाई देगी और कुछ इलाकों में ब्लैकआउट भी हो सकता है। यह मॉक ड्रिल, जो पहले केवल 19 जिलों तक सीमित थी, अब पूरे उत्तर प्रदेश में आयोजित होगी। आइए, इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में विस्तार से जानें।

सुरक्षा के लिए बड़ा कदम

उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर यह मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। पहले यह अभ्यास केवल 19 चिन्हित जिलों में होने वाला था, लेकिन सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए पूरे यूपी को इसमें शामिल करने का फैसला लिया गया। यह कदम आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों और प्रशासन की तैयारियों को परखने के लिए उठाया गया है। डीजीपी ने कहा, “हम चाहते हैं कि हर जिला किसी भी संकट के लिए तैयार रहे। यह अभ्यास हमें कमियों को पहचानने और उन्हें सुधारने का मौका देगा।”

सायरन और ब्लैकआउट: क्या है योजना?

7 मई को सुबह से ही पूरे प्रदेश में सायरन बजाए जाएंगे, जो युद्ध जैसी आपात स्थिति का संकेत देंगे। कुछ क्षेत्रों में बिजली कटौती या ब्लैकआउट की स्थिति भी बनाई जा सकती है ताकि आपातकाल में बिजली प्रबंधन और जनता की प्रतिक्रिया का आकलन किया जा सके। यह मॉक ड्रिल सिविल डिफेंस, पुलिस, और अन्य आपदा प्रबंधन इकाइयों के बीच तालमेल को भी जांचेगी। नागरिकों से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं और इस अभ्यास में सहयोग करें।

नागरिकों की भूमिका और तैयारियां

इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य न केवल प्रशासन की तैयारियों को परखना है, बल्कि आम नागरिकों को भी आपात स्थिति के लिए जागरूक करना है। प्रशासन ने स्कूलों, कॉलेजों, और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि सायरन सुनते ही वे सुरक्षित स्थानों की ओर जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यह अभ्यास भविष्य में किसी भी संकट से निपटने के लिए जनता और सरकार को एकजुट करने का प्रयास है।

क्यों जरूरी है यह मॉक ड्रिल?

आज के दौर में प्राकृतिक आपदाओं से लेकर मानव-निर्मित संकटों तक, किसी भी समय आपात स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और घनी आबादी वाले राज्य में, ऐसी तैयारियां और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा बलों की क्षमता को परखेगी, बल्कि नागरिकों में जागरूकता और आत्मविश्वास भी बढ़ाएगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर नागरिक और हर जिला किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे।”

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